Para teacher jharakhand झारखंड के शिक्षा विभाग(Department of education) में चल रहे नकली वाले का खुलासा हो चुका है।
इसी क्रम में नकली प्रमाण पत्र देकर जो शिक्षक फर्जीवाड़े कर पारा शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे थे अब उनकी सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ी जा रही है।
झारखंड में खुलासा हुआ कि राज्य में बड़े पैमाने पर सहायक अध्यापक( पारा शिक्षक) नकली सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं।
हालांकि राज्य सरकार द्वारा ऐसे फर्जी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में फर्जी कर नौकरी करने वाले शिक्षक जब से नौकरी छोड़कर फरार होने लगे हैं।
झारखंड राज्य में हजारों टीचर ऐसे हैं जो बिना प्रमाण पत्र (without certificate) की जांच कराए ही स्कूल नहीं आ रहे हैं।
एक प्राप्त सूचना के अनुसार शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी हो सकते हैं इसी कारण एक गिरफ्तारी(arrest) की कार्रवाई के डर से नौकरी जाने डर से प्रमाण पत्रों की जांच नहीं कराने के लिए विद्यालय नहीं आ रहे हैं।
आपको बताते चलें कि इसी क्रम में प्रमाण पत्रों की जांच जब से शुरू हुई है 232 पारा शिक्षक ने नौकरी छोड़ दी है। 170 ने प्रमाण पत्र भी जांच नहीं कराया है ।
माना जा रहा है कि सभी फर्जी नौकरी कर रहे थे इसका खुलासा शिक्षा विभाग की आयोजित बैठक में किया गया ।
बिना जांच सर्टिफिकेट जांच कराए शिक्षक फरार
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग( डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी ) के सचिव द्वारा बताया गया कि बैठक में तथ्य सामने पाया गया कि जाली प्रमाण पत्रों और सर्टिफिकेट पर काम कर रहे पारा शिक्षक( सहायक अध्यापक) सर्टिफिकेट जांच से पहले ही नौकरी छोड़ दिए हैं।
5 दिसंबर तक सर्टिफिकेट जमा करें नहीं तो जनवरी महीना से मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा ऐसा एजुकेशन डिपार्टमेंट का कहना है।