रामलाल आनन्द कॉलेज में ‘विरासत 2025’ का भव्य आयोजन, भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जुड़े अनूठे कार्यक्रम

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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनन्द कॉलेज में SPIC MACAY और SAF फाउंडेशन के तत्वावधान में ‘विरासत 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य, लोक कला और विरासत को युवाओं से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को छात्रों और समाज के व्यापक वर्ग तक पहुँचाना है।

समाज के लिए कार्य करने के लिए किसी गैर-सरकारी संगठन का हिस्सा बनना आवश्यक नहीं है। आप स्वयं एक संगठन हैं। अपने श्रम, समय और सोच के माध्यम से बदलाव ला सकते हैं। जहां-जहां नदियाँ आईं, वहाँ-वहाँ परिवर्तन हुआ। किसी स्थान पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए केवल वहाँ उपस्थित होना ही पर्याप्त हो सकता है। ये विचार देवेंद्र कुमार गुप्ता ने 18 मार्च 2025 को राम लाल आनंद कॉलेज के स्पिक मैके वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव ‘विरासत’ में रखे। देवेंद्र लाड़ली फाउंडेशन के संस्थापक एवं संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के विशेष परामर्शदाता हैं। संस्कृति के प्रति संवेदनशील होना आवश्यक है, क्योंकि वही हमें समाज और देश के प्रति संवेदनशील बनाएगी। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा – समानता सोच में होनी चाहिए, मात्र संख्यात्मक बराबरी ही पर्याप्त नहीं है। आपको सबसे पहले अपनी नजरों में सकारात्मक बनने की आवश्यकता है। इसके लिए केवल प्रेरित करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उस कार्य का प्रभाव भी मापा जाना चाहिए। अपने सामाजिक अभियानों का जिक्र करते हुए, उन्होंने सुविधा-संपन्न और वंचित वर्गों के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के दौरान, स्पिक मैके सलाहकार प्रो. राकेश कुमार ने अतिथि को सम्मानित किया। शिक्षक मंडली में से संयोजक डॉ. दीप्ति भारद्वाज, सह संयोजक डॉ. शची मीणा, प्रो. रीटा जैन और अन्य मौजूद रहे।
19 मार्च को सुप्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित राजेन्द्र गंगानी की कथक प्रस्तुति होगी। यह कार्यक्रम शाम 4 बजे से एम्फीथियेटर में होगा। पंडित गंगानी अपने उत्कृष्ट अभिनय और ताल में पारंगतता के लिए प्रसिद्ध हैं। इसी दिन कार्यक्रम के अंत में हाई-टी का भी आयोजन किया गया है।

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20 मार्च को राजस्थान की पारंपरिक लोक संगीत शैली से जुड़े उस्ताद अनवर खान लांगा अपनी प्रस्तुति देंगे। उनका कार्यक्रम भी शाम 4 बजे से एम्फीथियेटर में होगा।

21 मार्च को प्रख्यात सरोद वादक पंडित पार्थो सारथी अपनी सरोद वादन कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। उनके कार्यक्रम का समय भी 4 बजे निर्धारित है।

22 मार्च को विरासत कार्यक्रम का समापन एक विशेष हेरिटेज वॉक के साथ होगा, जिसका नेतृत्व श्रीमती शुमायला करेंगी। यह वॉक दिल्ली के प्रसिद्ध ‘सुंदर नर्सरी’ में सुबह 10 बजे आयोजित होगी।

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इसके अलावा, 3 और 4 फरवरी को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्री चंद्र भूषण के निर्देशन में मधुबनी पेंटिंग वर्कशॉप भी आयोजित की गई थी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. दीप्ति भारद्वाज और सह-संयोजक डॉ. शाची मीना हैं। कार्यक्रम को कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार गुप्ता का मार्गदर्शन प्राप्त है।

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