बिहार में 170000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती समय पर ही किया जाएगा। इस संबंध में घोषणा बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने रविवार को किया। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि अभी तक इस भर्ती को रोकने का कोई योजना नहीं है। लेकिन साथ ही साथ उन्होंने सोमवार को एक ताजा ट्वीट में कहा की समय पर ही शिक्षक भर्ती करना और कुछ उम्मीदवार का आयोग होना दोनों अलग-अलग बात है।
सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसका असर शिक्षकों की भर्ती पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। उम्मीदवारों की योग्यता के बारे में यह कहा नहीं जा सकता कि उन पर असर पड़ेगा या नहीं।
साथ ही साथ उन्होंने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि उम्मीदवार को अपने सर्वोत्तम हित के खातिर अनुमान लगाने में अर्थात वादी हो जाना चाहिए। उन्हें वास्तविकता में रहकर अनुमान लगाते रहना चाहिए।
आपको बताते चले कि बिहार में हो रही शिक्षक भर्ती में प्राइमरी शिक्षकों के लिए भी कई bed डिग्री उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। ऐसे में b.Ed डिग्री वाले उम्मीदवार कन्फ्यूजन की स्थिति में है कि बीएससी के अध्यक्ष का यह बयान कहीं भर्ती भारती में कहीं उनके बारे में अयोग्यता का संकेत तो नहीं दे रहा है।
बीएससी अध्यक्ष के ट्वीट के बाद कई अभ्यर्थी जवाब पूछ रहे हैं कि क्या कहना चाहते हैं। उन्होंने साफ-साफ कहें । आपको बता दें कि शुक्रवार दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि अब पहले से पांचवी क्लास को पढ़ने के लिए बीएड डिग्री वाले आयोग हैं।
सुप्रीम कोर्ट का या फैसला तब आया जब बिहार में 170000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती 9 दिन बाद आयोजित की जानी है। बीएससी की परीक्षा 24 अगस्त से लेकर 26 अगस्त तक होनी है इसमें से 85000 से अधिक प्राइमरी टीचर की बहाली शामिल है।
अब कोर्ट के फैसले के बाद प्राइमरी स्कूल भारती के कई उम्मीदवार कंफ्यूज हो गए हैं क्योंकि वह कुछ उम्मीदवार b.Ed डिग्री वाले थे तो कुछ b.ed और बेल दोनों डिग्री है।।