झारखंड सरकार द्वारा युवाओं को धोखा, रोजगार देना प्राथमिकता नहीं —

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Jharkhand News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में  राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक में दिवंगत मंत्री जगन्नाथ महतो के सम्मान में दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि भी दी गई। राज्य में एलडीसी, पंचायत सचिव और आशुलिपिक के दो हजार पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया।

कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कार्मिक विभाग उस आदेश को निरस्त किया, जिसमें राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 2017 के निकाले गए विज्ञापन और नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था।

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अब कैबिनेट के द्वारा कार्मिक के आदेश निरस्त करने के बाद इन पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया। इन पदों पर एग्जाम होने के बाद रिजल्ट भी निकल गया था, लेकिन कार्मिक के आदेश नियुक्ति पर रोक लगी थी।

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कैबिनेट ने लाह की खेती को कृषि का दर्जा देने का भी फैसला लिया। इसका लाभ चार लाख ग्रामीण परिवार को मिलेगा। कैबिनेट ने निजी सुरक्षा नियमावली 2023 के गठन और 172 ग्रेजुएट अप्रेंटिस, 162, एडवांस्ड टेक्निकल डिप्लोमा अप्रेंटिस के पद पर एक साल का कार्य लेने की मंजूरी दी गई।

झारखंड सरकार द्वारा झारखंड के युवाओं के लिए जेएसएससी जेपीएससी नियोजन नीति जैसे अहम मुद्दों पर कोई फैसला ना लेकर  इधर-उधर  से  वैकेंसी निकाल रही है। लेकिन विद्यार्थी 5—5 साल से फॉर्म भरने के बाद एग्जाम का बारे में कोई भी नोटिफिकेशन नहीं आने के कारण आज तक युवा आंदोलन को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है।

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झारखंड के युवा ठगा महसूस कर रहे हैं विद्यार्थियों का आंदोलन को दबाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। कैबिनेट की बैठक पर बैठक होती है लेकिन जिन मुद्दों पर निर्णय लेने की जरूरत है उन मुद्दों पर सरकार गंभीरता से ना लेती है। ऐसा विद्यार्थी संघ 1 छात्र नेता ने पकड़ भारत से कहा है

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