niyojan neeti 10 मार्च को झारखंड के बेरोजगार छात्र# 60_40 नाय चलतो के ट्विटर मुहिम में जुड़कर ट्रेंड होने के बाद सरकार हतोत्साहित है।
- एक पोर्टल पर छपी खबर के अनुसार हेमंत सरकार ट्यूटर कैंपेन में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को रडार पर लेने के बाद कहीं गई है।
सरकार के द्वारा अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है । छपी खबर के अनुसार हेमंत सरकार ट्वीट करने वाले अभ्यर्थियों को बाहरी बता कर रडार पर लिए हुए हैं। अगर यह खबर सही है तो हेमंत सरकार पहले सोचना चाहिए कि बाहरी अभ्यर्थी इसका विरोध क्यों करेंगे ।उनके लिए तो ऑप्शन खुला है।
अगर यह विरोध सही नहीं है तो फिर पहले के नियोजन नीति (2021) में बहारियो का दरवाजा बंद करो कैसे सही हो सकता था । जिसे हेमंत सरकार ने लागू किया था। ट्यूटर कैंपेन में बाहरी अभ्यर्थी अगर भाग लेकर के समर्थन कर रहे हैं तो रडार पर लेने की क्या जरूरत है।
बात करें पारदर्शिता की तो सरकार ने सर्वे रिपोर्ट में कहा कि 73% अभ्यर्थी 2016 के नियोजन नीति के साथ सहमत हैं।
तो क्या गारंटी है कि तथाकथित सर्वे में भाग लेने वाले अभ्यर्थी सारे झारखंडी हैं । क्या इसकी प्रमाणिकता सरकार झारखंड के बेरोजगार युवाओं के सामने पेश करेंगे। या सरकार का 73% सर्वे डाटा भी झारखंड के अभ्यर्थियों के लिए धोखा है।
अगर बाहरी अभ्यर्थी झारखंड के अभ्यर्थियों के लिए सपोर्ट कर मुहिम में जुड़े तो सरकार को शाबाशी देना चाहिए इस ख्याल से रडार पर रखे गए हैं तो हेमंत सरकार का कार्य सराहनीय है।