जोहार! कलमकार मंच झारखंड धनबाद सह जन जातीय एवं क्षेत्रीय भाषा केंद्र विनोद बिहारी महतो कोलांचल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्वलित कर एवं मां सरस्वती की मूर्ति पर एवं विनोद बिहारी महतो की तस्वीर पर माल्यापर्ण कर किया गया ।
बतौर मुख्य अतिथि छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष डाॅ. पुष्पा कुमारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होने कहा की महिलाओं का सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है । विश्वविद्यालय के लिए और झारखंड के विभिन्न जिलों आए हुए इस कवि सम्मेलन में कवित्रियों का सम्मान किया जाना अपने आप में एक गौरव का क्षण है ।
जोहर कलमकार मंच की संस्थापिका ममता बनर्जी ने कहा कि महिला आज के दौर में किसी भी क्षेत्र में कमजोर नहीं है चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो समाज सेवा का क्षेत्र हो या फिर साहित्य का क्षेत्र हो । स्नाकोत्तर हिंदी विभाग के विभाग अध्यक्ष महोदय डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा की विश्वविद्यालय और और विभाग के लिए विभाग के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है ।
जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा केंद्र के कोआर्डिनेटर डा मुकुंद रविदास ने कहा कि कोयलांचल की धरा पर एक से एक महिला साहित्यकार रत्न हैं और इस अवसर पर उनको एक मंच में लाकर सम्मानित करते हुए हर्ष हो रहा है । हम साहित्य के शिक्षक है और हमारा काम है समाज को गढ़ना । अगम अनु सत्या राज ने कहा कि साहित्य क्षेत्र में आज महिलाओं का लेखन कार्य गतिशील है । डा नमिता गुप्ता ने कहा कि साहित्य के विभिन्न विधाओं में उनकी लेखनी चल रही है हम महिलाओं का सम्मान किया जा रहा है विश्वविद्यालय में अच्छी परंपरा की शुरुआत है ।
प्रथम सत्र में महिलाओं का सम्मान किया गया एवं द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है ।कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती की वंदना गीत प्रिया सिंह के द्वारा किया गया और झारखंड के विभिन्न प्रदेशों से आए हुए महिला कवित्रियों का सम्मान ममता बनर्जी के द्वारा किया गया । सम्मान में कवित्रियों को अंग वस्त्र , जोहार कलमकार मंच का स्मृति चिन्ह एवं नारी शक्ति सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों से 35 कवित्रियों का आगमन हुआ था ।जिन्होंने अपनी काव्य गीत की प्रस्तुति से समा बांध दिया रांची से डॉ भावनाआम्बष्ठा ने पलायन क्यों तथा शिव ने पिया था गरल तुम बस डटे रहना बने रहना मधुमिता साह रांची ने स्वयं से प्यार है क्यों ,रिंकू बनर्जी मधु रांची नारी नरक के द्वारी है संगीता श्रीवास्तव धनबाद नारी होने का बोझ , पूनम प्रकाश सहाय गिरिडीह ने नेह की डोर है बेटी डॉ सुमन लता मधुपुर देवघर ने जागो बेटा कल का भविष्य तुम्हारा कर रहा इंतजार सोनम झा देवघर में चंडी हूं तो मंडी में पहुंची कैसे ,प्रीति कर्ण फूल कुमारी ने हमने कब कहा था दौलते जहां बेटी है प्रतिमा सेठ परंपरा की तोड़ ना बेटियां केंद्रीय विश्वविद्यालय गया से गायन्ति कुमारी तथा रुद्र प्रताप मांझी ने भी कविता पाठ किया शालिनी झा धनबाद मैं हार नहीं मानूंगी प्रीति करण धनबाद शब्द शब्द मन बंद कर लिखती हूं मैं गीत ,निर्दोष जैन नारी का सम्मान करते रहना विश्व किरण अमवा के मंजर , सुधा मिश्रा में नारी हूं इस युग की ,डॉ आरती वर्मा गिरिडीह नारी का सम्मान करो संध्या रानी नारी अबला नहीं सबला है प्रमिला तिवारी नारी का सम्मान करो मंजू शरण मंजुल मान है बाटियां ममता पांडे मत लड़ना भाई नारी है सब पे भारी,अनु अगम ने नारी की विशेषताओं पर प्रकाश डॉ सुमन लता सोनम झा प्रीति आभा मनोज सिंह सरिता कुमारी ,सरिता पांडे डॉ रिता सिंह डॉक्टर मृत्युंजय कुमार सिंह तथा डॉ मुकुंद रविदास ने माई गो काहे कैली दू नीतियां एके कोंखी जन्म डेली बेटा बेटी कविता प्रस्तुत किया ।
अमन महेश गिरिडीह जनतंत्र लिखे जनता पर लिखे यह देश रहे हम रहे या ना रहे रवि कर जी मार्ग बदलने के लिए निर्दोष जैन आदि ने भी कविता पाठ किया कार्यक्रम के अंतिम में जोहार कलमकार मंच की संस्थापिका ममता बनर्जी ने पराजित कर नहीं सकती कभी भी नारियों को इस युग में काव्य पाठ कर खूब तालियां बटोरी रीता सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया एवं मंच का संचालन डॉक्टर मुकुंद रविदास ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने में शोधार्थियों छात्र-छात्राओं किशन कुमार मोहली कुंदन कुमार विवेक महतो विमल भंडारी रानी रवानी आर्य तिवारी सहित सैकड़ो विद्यार्थियों की उपस्थिति थी।