JTET जेटेट नियमावली में तीसरे संशोधन की तैयारी है। झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) का आयोजन 2016 के बाद नहीं हुआ है। पर पिछले 5 साल के अंतराल में तीसरे संशोधन की तैयारी की जा रही है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से नियमावली के कुछ बिंदुओं को लेकर मार्ग दर्शन मांगा था। उसी के आलोक में विभाग ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है।
सूत्रों के मुताबिक इस बार झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा JTET के लिए निर्धारित समय एवं विषय अनिवार्यता के प्रावधानों में बदलाव की जा सकती है।
सबसे पहले जेटेट के लिए पहली नियमावली वर्ष 2012 में बनी थी और उसी के आधार पर वर्ष 2013 और वर्ष 2016 में परीक्षा हुई। इसके बाद नियमावली में दो बार संशोधन हुई। वर्ष 2019 में नियमावली में संशोधन को कैबिनेट से स्वीकृति मिला।
विभाग द्वारा परीक्षा लेने के लिए जैक को प्रस्ताव भेजा गया पर JAC ने परीक्षा के विभिन्न विषयों में अंकों में एकरूपता नहीं होने की बात कह शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा ।
जिसपर वर्ष 2022 में नियमावली को संशोधित किया गया। परीक्षा के लिए फिर JAC को प्रस्ताव भेजा गया है। पर नियमावली में फिर विसंगति रह गई। जिसकी वजह से JAC ने एक बार फिर विभाग से मार्गदर्शन की मांग की है।
CTET के अनुरूप करने की तैयारी
गणित सीटेट में भी अनिवार्य है, पर प्रश्न का स्तर इंटरमीडिएट है। इस कारण गणित अनिवार्य होने पर कोई परेशानी नहीं होगी। जेटेट में कक्षा एक से पांच एवं कक्षा छह से आठ दोनों में प्रश्न की संख्या व समय में भी एकरूपता है।
इन बिंदुओं पर संशोधन की है तैयारी
1. जेटेट में छठी से आठवी कक्षा तक के लिए 250 अंको का परीक्षा का प्रावधान है। सभी प्रश्न एक अंक के होगे और परीक्षा के लिए तीन घंटो का होगा।
2. परीक्षा में स्नातक प्रशिक्षित विज्ञान शिक्षक के लिए गणित और भाषा शिक्षक के लिए अंग्रेजी को अनिवार्य किया गया है प्रश्न का स्तर स्नातक स्तरीय होगा।
JTET में क्यों किया जा रहा संशोधन
1. किसी राज्य के लिए शिक्षक पत्रता परीक्षा नियमावली केंद्रीय शिक्षक पात्रता के आधार पर ही तैयार होता है। सीटेट में 150 अंक को परीक्षा के लिए अढ़ाई घटों का समय निर्धारित है इसलिए परीक्षा के लिए निर्धारित समय के बदलाव की तैयारी है।
2. विज्ञान शिक्षक के लिए कुल तीन विषयों की परीक्षा देना है, जिसमें गणित के अलावे नैतिक, रसायन, वनस्पतिशास्त्र व जीव विज्ञान में से दो विषय शामिल ब गणित अनिवार्य है, भाषा में अंग्रेजी अनिवार्य है,वहीं हिंदी संस्कृत व उर्दू वैकल्पिक विषय में शामिल किया गया है गणित व अंग्रेजी के अलावा अन्य विषय के स्नातक करनेवाले अभ्यर्थी ने गणित व अंग्रेजी की पढ़ाई स्नातक स्तर पर हो यह अनिवार्य नहीं है, इस कारण इसमें भी बदलाव होने की सम्भावना है।
JTET आदेश के बाद होगा परीक्षा पर निर्णय
राज्य में पिछली शिक्षक पात्रता परीक्षा 2016 में हुई है। प्रावधान के मुताबिक प्रति वर्ष परीक्षा होनी चाहिए। अभ्यर्थियों ने जेटेट की परीक्षा आयोजित करने को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई की प्रक्रिया भी पूरी हो गई। पर आर्डर को रिजर्व रखा गया है. हाइकोर्ट के आदेश के अनुरूप परीक्षा आयोजन पर निर्णय JAC BOARD लेगी।