पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बरहमपुर की फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने 24 साल के एक युवक को सजा की मौत सुनाई है। आपको बताते चलें कि सरकारी वकील विभाग चटर्जी ने कहा कि आरोपी को पिछले साल में में 18 वर्षीय पूर्व प्रेमिका की हत्या का दोषी पाते हुए गुरुवार को जज ने यह फैसला सुनाया।
आपको यह भी बताते चले की 7 दिन पहले आणि 24 अगस्त को जज संतोष कुमार पाठक ने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक 35 वर्षीय बंदूक प्रकाश पाल उनकी पत्नी पाल और उसके 7 वर्षीय बेटे आंगन की हत्या के जुर्म में 22 वर्षीय उत्पल बड़ा को सजा मौत की सुनाई थी।
हत्या 8 अक्टूबर 2019 को की गई थी। चटर्जी इस मुकदमे में सरकारी वकील रहे पहले मामले में जज ने आरोपी सुशांत चौधरी को पिछले साल 22 में को बरहमपुर शहर के एक गर्ल्स हॉस्टल के बाहर सुतापा चौधरी की हत्या का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद सुशांत को गिरफ्तार किया था। इस मुकदमे के दौरान 32 गवाहों ने गवाही दी थी अभियोजन पक्ष में अदालत को बताया कि 18 वर्षीय कॉलेज छात्र जिसका परिवार निकटवर्ती मालदा जिले में रहता है को 42 बार चाकू से गोद गया था। कुछ स्थानीय युवकों ने सुशांत को रोकने की कोशिश की तो उसने एक टॉय पिस्टल लहराकर उसे भी डरा दिया था। सजा की घोषणा के बाद चैताली ने मीडिया से कहा सुशांत ने स्वीकार किया कि उसने सुतापा की हत्या की क्योंकि उसने रिश्ता तोड़ दिया था।
इतना जगन अपराध करने का कोई कारण नहीं हो सकता वह पीड़िता के मौत सुनिश्चित करने के लिए उसे बार-बार चाकू मारता रहा। आदेश सुनाने के बाद सुशांत कोर्ट में फूट-फूट कर रोने लगा। 2019 की हत्या के एक मामले में न्यायाधीश पाठक ने 22 वर्षीय राज मिस्त्री उत्पल बड़ा को भी भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 302 हत्या , 201 सबूतों से छेड़छाड़ के तहत दूसरी करार देते हुए सजा मौत सुनाई है।
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