SSC recruitment झारखंड में सरकारी नियुक्ति का हाल काफी बुरा है। सत्ता में आने से पहले 2014 में जिस तरह से मोदी ने नौजवानों से दो करोड़ का नौकरी का वादा किया और फिर पलटी मार गए। उसी प्रकार झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वादा किया और सरकार गठन के बाद पलटी मार गए।
बीच-बीच में सरकार के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री बेरोजगारों को लॉलीपॉप के रूप में कुछ शगुफा छोड़ देते हैं। ऐसा नहीं झारखंड सरकार में सरकारी पदों का नियुक्ति नहीं हो सकती।
लाखों पद खाली रहने के बाद सरकार कुछ नहीं कर रही है। कभी नियोजन नीति के नाम पर कभी खतियान के नाम पर कभी कोर्ट के नाम पर युवाओं के साथ छलावा और धोखेबाजी किया गया है। कुछ नियुक्तियां हुई है तो धांधली या पैसे का खेल हुआ।
वर्तमान में झारखंड सरकार इतनी निकम्मी है की परीक्षा लेना दूर की बात है सरकारी नौकरी देने में आज शिक्षा विभाग किस तरह पीछे हैं इसका ताजा उदाहरण नियुक्ति को लेकर के हैं।
बीते 24 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में 50000 शिक्षकों की नियुक्ति की स्वीकृति मिली थी। पहले चरण में 25996 शिक्षकों की नियुक्ति करनी थी। कैबिनेट के 102 दिन बीत जाने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हुई।
जब बात करें विज्ञापन की तो सरकार बिना कुछ किए बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगा कर के सरकार का खजाना खाली कर रही है।
जितने पैसे प्रचार प्रसार करने में खत्म कर दे रही है ,अगर उसी पैसे से अगर युवकों को रोजगार दे दिया जाए। तो कम से कम हजार से दो हजार युवक को सरकारी वेतन जिंदगी भर के लिए मिल जाएगा।
झारखंड सरकार का कोई भी मंत्री के बातों में विश्वास करना संभव नहीं है। सारे मंत्री बेरोजगार युवाओं को बीच-बीच में नौकरी का बयान देकर हिम्मत जगाते हैं और फिर बाद में पलटी मार जाते हैं।
बात की जाए विधायकों की तो उनकी आमदनी में 100 से 500 गुना की बढ़ोतरी, बिना कुछ किए हो जा रहा है। लेकिन युवाओं को 10000 से 15000 की नौकरी देने का हिम्मत नहीं कर पा रही है वर्तमान में झारखंड सरकार।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा परीक्षा की तैयारी को लेकर कहा जाता है पर कुछ भी जेएसएससी के द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित नहीं किया जाता।