नई दिल्ली : आर्थिक मंदी की आशंका के चलते दुनिया भर में एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रहा है। आम उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है कि प्रत्येक दिन कुछ न कुछ कीमतों में गिरावट आ रही है। और अगस्त महीना 10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिला है।
आधार क्या है तेल की गिरावट में
एक रीसर्च के मुताबिक दुनिया के कई जगहों में तेल की खपत बहुत काम हो रही है। यु कहें कि उम्मीद के मुताबिक खपत नहीं हो रही है। तथा एक जानकारी के मुताबिक श्रीलंका में अभी काफी तेल का भंडार है।
आपको बताते चले कि दुनिया के कई बैंक महंगाई काम करने के लिए इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहे है।जिसके वजह से तेल का डिमांड बहुत कम हो रहा है।
भारत में petrol असर होने की आशंका है ?
भारत में काफी लम्बे समय से पेट्रोल- डीजल की कीमतों में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला है। लेकिन अगर भारत सरकार कंपनियों के साथ समीक्षा करके अगर आम जनता को राहत देना चाहे तो दे सकती है। वो भी बिना किसी वित्तीय घटा सही हुए ।
भारत सरकार क्यों नहीं कर रही है तेल की कीमतों में गिरावट। (petrol price in india)
वर्तमान केंद्र सरकार का पॉलीसी है की अगर तेल के कीमतों में गिरावट कर देते है , आम जनता को तो फैयदा मिल जाएगा । परन्तु कंपनियों को जमा पूंजी में कमी आ जाएगा ।
आम जनता को मंगाई का लत लग चूका है , और अब आदत भी हो गई है । एक बार कीमतों में गिरावट कर देने के बाद , कीमतों को बढ़ने पर राजनीती क लाभ विपक्षी पार्टी ले लेते है ।