रांची पूरे देश में शिक्षकों को शिक्षण कार्य कम बाकी बाद सरकारी काम जितने हैं उन में लगा दिया जाता है। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 16 जून को कड़ा निर्देश जारी किया है।
झारखंड के जितने भी शिक्षक हैं सिर्फ और सिर्फ शिक्षण का कार्य ही करेंगे। शिक्षण कार्य के अलावा शिक्षकों को और कोई काम नहीं करना है ।
झारखंड में शिक्षा का स्तर उठाने के लिए मुख्यमंत्री का लिया गया फैसला एक एजुकेशन रिफॉर्म की तरह है। शिक्षकों को तरह-तरह के बीपी में लगाकर बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा था।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद शायद झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊपर उठ सकेगा। देखने वाली बात है कि मुख्यमंत्री का निर्देश के अनुसार राज्य में शिक्षकों को शिक्षण कार्य में ही लगाया जाएगा या किसी और काम में भी शिक्षकों को लगा दिया जाएगा।
हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधीन कार्य प्रगति की समीक्षा की साथ ही साथ सरकारी शिक्षकों को शिक्षण के अलावा और कोई कार्य में नहीं लगाए जाने का दिया है।
16 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अभिभावकों की तारीफ करते हुए बोले मैं बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन को लेकर राज्य सरकार के प्रति विश्वास जगा रहे हैं आने वाले समय में सरकार यह नवीन पहन राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
पहले चरण में 80 विद्यालय को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में तब्दील किया गया है सभी वर्ग समुदाय के लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इस नई पहल को प्रशंसा करते हुए सराहा है।