मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार पर लगातार जीरो टॉलरेंस अपना कर प्रहार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यपालक अभियंता के विरूद्ध FIR दर्ज करने की अनुमति दी है। कार्यपालक अभियंता (EXECUTIVE ENGINEER) पर रिश्वत लेने और करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है।
भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री का जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को अपनाते हुए एक बार फिर से आरोपी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी है। मुख्यमंत्री ने प्रथम श्रेणी के पदाधिकारी मनोज कुमार विद्यार्थी (तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, चाईबासा) के विरूद्ध पीई दर्ज करने की अनुमति दिये जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन कर दिया है।
Engineer बिल भुगतान करने में लेते थे पैसे
मामले के जांच में पुलिस निरीक्षक द्वारा समर्पित प्रगति प्रतिवेदन के अनुसार आरोपी मनोज कुमार विधार्थी की गिरफ्तारी के उपरांत उनके घर की तलाशी की गई । जहां से 9,05,200 रुपये बरामद किया गया। इस के संबंध में आरोपी के द्वारा रिश्वत लेने एवं रिश्वत की रकम को अपने किराए के मकान में रखने के आरोप को प्रथम दृष्टि में सही पाया गया।
आरोपी engineer और उसकी पत्नी के नाम से पटना, रांची एवं उनके पैतृक गांव में करोड़ों की अचल संपत्ति होने का उल्लेख भी पाया गया है। पूरे मामले का गुप्त रूप से सत्यापन के क्रम में सारी बात प्रकाश में आयी है कि आरोपी मनोज कुमार विद्यार्थी ने ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों के बिल भुगतान करने के बदले में प्रतिशत (percentage )के हिसाब से रिश्वत के रूप में बांधकर लिया करते थे।