विरासत 2025’ में बही धुनों की बयार, रामलाल आनंद कॉलेज में बिखरा शास्त्रीय संगीत का जादू

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नई दिल्ली राम लाल आनंद कॉलेज की स्पीकमैके समिति ने अपने सांस्कृतिक उत्सव ‘विरासत 2025’ के तहत शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए एक विशेष संगीतमय संध्या का आयोजन किया। इस भव्य आयोजन के चौथे दिन में प्रख्यात सरोद वादक पंडित पार्थो सारथी ने अपनी अनुपम प्रस्तुति दी। इस अवसर पर उनका साथ मशहूर तबला वादक आशीष पॉल ने दिया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के एम्फीथियेटर में शाम 4:00 बजे से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और संगीत प्रेमियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके बाद पंडित पार्थो सारथी ने राग मधुवंती में वादन किया, जिसमें उनकी उंगलियों की जादूगरी और रचनात्मकता स्पष्ट झलक रही थी। इसके बाद उन्होंने राग काफी में सरोद वादन किया, जिसने श्रोताओं को पूरी तरह से मोहित कर लिया। तबले के साथ सरोद की जुगलबंदी देखने लायक थी, जिनके संगत ने पूरे माहौल को और भी सजीव बना दिया।

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संगीत के बारे में अपनी राय रखते हुए पार्थो जी ने कहा “धुन फूल की तरह है जिसे मैं ईश्वर की उपासना के लिए अर्पित करता हूं।” उनकी प्रस्तुतियों में शास्त्रीय रागों की गूंज और भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा झलक रही थी। उनकी उंगलियों से निकलती मधुर धुनों ने पूरे वातावरण को संगीतमय कर दिया।

कार्यक्रम के समापन पर समिति की संयोजिका दीप्ति भारद्वाज ने सभी उपस्थित अतिथियों, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। इस ख़ास अवसर पर स्पीकमैके की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुमन दुंगा भी मौजूद रहीं। मंच संचालन की भूमिका अंदाज समिति के यश सिरोही और आस्था त्रिपाठी ने निभाई।

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