जमीन फर्जीवाड़ा मामले में ED ने तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा है। आपको बताते चले कि इससे पहले ED ने सीएम को 24 अगस्त को ED दफ्तर में पेश होने को कहा था लेकिन वे ED दफ्तर नहीं पहुंचे थे । साथ ही 24 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में मुख्यमंत्री के आने का सस्पेंस उस वक्त खत्म हो गया जब मुख्यमंत्री की जगह सचिवालय कर्मी सील बंद लिफाफे में एक चिट्ठी लेकर ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा।
ईडी ने 24 अगस्त को जमीन फर्जीवाड़ा मामले में पूछताछ के लिए सीएम हेमंत सोरन को ईडी दफ्तर बुलाया था लेकिन वे ईडी दफ्तर नहीं गए। इस बीच सीएम सचिवालय से सूरज कुमार नाम के एक कर्मी बंद लिफाफे में चिट्ठी लेकर ईडी कार्यालय पहुंचे थे।
मामले में CM ने किया है सुप्रीम कोर्ट का रूख
मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है हालांकि इस मामले में अबतक कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई है। इसी बीच 9 सितंबर को सीएम हेमंत सोरेन को फिर से ईडी दफ्तर बुलाया गया है।
19 अगस्त को ईडी ने भेजा था दूसरा समन
बता दें, ईडी ने 19 अगस्त को दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त (गुरूवार) को पूछताछ के लिए सीएम हेमंत को ईडी दफ्तर बुलाया था। वहीं उनके ईडी ऑफिस पहुंचने को लेकर सुबह से ही संशय बनी हुई थी।
हालांकि सीएम के आने को लेकर ईडी और रांची पुलिस ने ईडी दफ्तर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। ईडी दफ्तर के आस-पास सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के जवानों को सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किया गया था।
वहीं, इससे पहले ईडी ने 8 अगस्त को समन भेजकर उन्हें 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था।लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। साथ ही ईडी को चिट्ठी लिखकर उन्होंने कहा था कि समन वापस लें, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं।
कानूनी प्रक्रिया के तहत ईडी से निपटेंगे. सीएम ने लिखा था कि आपका इस मामले में किया गया समन गैर कानूनी है। वे कानूनी सलाह लेकर ही आगे बढ़ेंगे।