झारखंड विधानसभा में 1932 खतियान आधारित स्थानीयता विधेयक अपने पुराने स्वरूप में ही पास हो गया। विधानसभा स्पीकर के द्वारा इस बिल को ध्वनि मत से पास कराया गया है।
प्राप्त सूचना के अनुसार इस बिल में किसी प्रकार का कोई संशोधन नहीं किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए अभी इंतजार करना होगा। परंतु इस बिल में जिस कारण से पिछली बार झारखंड के राज्यपाल के द्वारा विधानसभा को फिर से भेजा गया था उसे संबंध में किसी की भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
पुराने स्वरूप में भी इस बार फिर से बिल को पास किया गया है। आपको यह भी बताते चलें कि पुराने बिल में नियोजन नीति को लेकर बात कही गई थी परंतु इस बिल में उसे चीज को भी हटा दिया।