धनबाद – खोरठा कवि स्व . श्री निवास पानुरी की 103 वीं जयंती 25 दिसम्बर को लोहारबरवा, वरवाअड्डा में धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर लोहारवरवा में खोरठा कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता ,मदन मोहन तोरण ने व संचालन खोरठा गीतकार विनय तिवारी ने किया। कार्यक्रम की शुरुवात खोरठा के बाल्मीकि स्व श्री निवास पानुरी जी के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। तत्पश्चात खोरठा पत्रिका ” ” चासा असल माटिक पूत ” परासफुल ” “,शकुन्तलाक सत “, बिन पानी सब सुन , किताब का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो जी ने खोरठा भाषा भाषी के हरसंभव सहयोग करने की बात कही, विशिष्ट अतिथि सी, डब्लू, सी के चेयरमैन व आवाज 7 डेज़ के संपादक उत्तम मुखर्जी ने कहा भाषा के लिए सब को आगे आना होगा।
इस अवसर पे खोरठा गीतकार, कवि,एवं लेखक विनय तिवारी नें कहा कि खोरठा भाषा की पहचान खोरठा के आदिकवि स्व श्री निवास पानुरी जी की देन है, श्री निवास पानुरी जी ने अपने लेखनी से खोरठा साहित्य को समृद्ध किया, एक पहचान दिलाया, करोड़ों लोगों की मातृ भाषा खोरठा के सम्मान के लिए आजीवन संघर्ष किया। ” परासफूल ” खोरठा पत्रिका के संपादक एवं साहित्यकार महेंद्र प्रबुद्ध जी ने कविता पाठ किया, खोरठा कवि एवं साहित्यकार मुकुंद रविदास ने कहा कि खोरठा को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिले इसके लिए आज भी संघर्ष जारी है । नेतलाल यादव ने कहा की खोरठा के विकास के लिए तन,मन, धन से सभी को लगना चाहिए। राजेश ओझा ने कहा कि भाषा व संस्कृति के विकास के लिए सभी को आगे आना होगा ,जिस हिसाब से खोरठा गीत,संगीत,साहित्य एवं सिनेमा का विकास होना चाहिए अभी नहीं हो पाया है। मौके पर साहित्यकार मनमोहन पाठक , ,शिवपूजन पांडेय ,पुनीत साव, नेतलाल यादव,पायल कुमारी, सुलेमान अंसारी,प्रयाग महतो, पायल कुमारी , सुदर्शन चेतन,विष्णु देव महतो, आदि ने कविता पाठ किया।,।धन्यवाद रामकिशुन विश्वकर्मा जी नें किया। समाजसेवी मासस नेता गणेश चौरसिया , राजीव तिवारी , राजा बाबू, इत्यादि लोग शामिल थे।