JSSC News झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली नगर पालिका सेवा संवर्ग में कनीय अभियंता में नियुक्ति पत्र का वितरण कर दिया गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसमें किस तरह का खेल खेला गया है? 60– 40 की नियोजन नीति का बार करने वाली झारखंड सरकार अब 15–85 के हिसाब से नियुक्ति पत्र दे रही है।
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन द्वारा झारखंड नगरपालिका सेवा संवर्ग कनीय अभियंता के पद हेतु नियुक्ति पत्र बांटा गया। जिसमें सरकार के तारीफों के पुल बांधे गए। इसमें 51 में से 39 झारखंड के बाहर राज्य के हैं।
क्या कहते हैं झारखंड के अभ्यर्थी
जिस तरह से कनीय अभियंता परीक्षा परिणाम के बाद नियुक्ति पत्र बांटा गया क्या प्रत्येक सीट को पहले ही बेचे जा चुका था । ? इसमें भी 25 से 27 लाख रुपए का खेल खेल दिया गया था? आपको यह भी बता दें कि JSSC का परीक्षा में पेपर लीक होना आम बात हो गया है, प्रश्न पत्र एजेंसी के द्वारा ही लीक कर दिया जाता है।
तो क्यों न माना जाए कि इसमें जिस तरह से गृह राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्रों को चयनित किया गया है? क्या झारखंड जैसे प्रदेश में या तो शिक्षा की कमी है ? या तो गुणवत्ता की शिक्षा का स्तर गिर गया है क्योंकि 60 40 की नियोजन नीति की बात करने वाली सरकार अब 15–85 के हिसाब से नियुक्ति पत्र दे रही है तो कुछ ना कुछ तो बात जरूर है ! इसमें अधिकतर छात्र झारखंड के बाहर बिहार और उत्तर प्रदेश से हैं।
आपको हाल ही में पता है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में किस तरह का खेल कितने रुपया का खेल JSSC के अंदर वो सचिवालय में कार्यरत बड़े कर्मचारी के द्वारा खेला गया। क्या गारंटी नहीं है कि इसमें भी पैसों के बदौलत सीट बेची गई न गई हो?
ऐसे में झारखंड के युवा जाए तो जाए कहां? इस बात को लेकर के झारखंड के छात्र संगठन ने बड़ी चिंता जताई है। 8-10 साल से झारखंड के युवा सरकारी नौकरी हेतु तैयारी कर रहे हैं परंतु 25 से 30 लाख रुपए में यदि सीट बेच दी जाती है तो गरीब झारखंड के छात्र को तैयारी करने से क्या फायदा होगा। परीक्षा के नाम पर सिर्फ फॉर्मेलिटी निभा कर खेल पैसे का अंदर से ही खेल दिया जाता है। इसका ताजा ताजा उदाहरण जेएसएससी सीजीएल परीक्षा है।
झारखंड नगर पालिका सेवा संवर्ग कनीय अभियंता का जो परीक्षा परिणाम आया है जिसमे झारखंड के बाहर के छात्रों का चयन किया गया है इस बात से भी जोर मिलता है कि झारखंड में होने वाले सारे परीक्षाओं में धांधली की जा सकती है। साथ ही साथ जेएससीसी की सीजीएल परीक्षा करने वाले अधिकारी भी वही थे जिन्होंने jssc CGL परीक्षा प्रश्न पत्र को लीक किया।