झारखंड सरकार के द्वारा 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति हेतु कैबिनेट में बिल पास हो गया। 1932 खतियान बिल के लिए झारखंड सरकार ने करोड़ों रुपए प्रचार-प्रसार में खत्म कर दिया।
झारखंड के युवाओं को 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति का लॉलीपॉप का डंका बजाने और वाहवाही लूटने में हेमंत सोरेन की सरकार लगी रही । खतियानी जोहार यात्रा भी निकाली गई ।
बेरोजगार युवक खुशी जाहिर कर रहे थे। झारखंड के युवकों को ही रोजगार मिलेगा ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड के राज्यपाल ऑफिस से यह बिल वापस कर दिया है कुल मिलाकर के हैं कि झारखंड सरकार का 1932 आधारित खतियान बिल अब झारखंड में लागू नहीं होगा।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्यपाल के द्वारा कहा गया कि संविधान की धारा- 16(3) के अनुसार मात्र संसद को यह शक्तियां प्रदत्त है कि वे विशेष प्रावधान के तहत धारा 35 (ए) के अंतर्गत नियोजन के मामले में किसी भी प्रकार की शर्तें लगाने का अधिकार अधिरोपित कर सकते हैं।
राजपाल के द्वारा रद्द किए गए 1932 आधारित खतियान बिल के साथ ही सरकार द्वारा झारखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए एक और झटका हो गया है। झारखंड के युवा अब करे तो करे क्या।
झारखंड के वर्तमान सरकार के द्वारा और युवाओं को कौन सा आज और लॉलीपॉप देंगे समय ही बताएगा।