आंदोलनकारी को सरकार द्धारा फर्जी मुकदमा से फंसाने का षडयंत्र

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झारखंड सरकार के अधिकारी लालपुर थाना पुलिस अवर निरीक्षक अनूप कुमार द्वारा देवेंद्र नाथ महतो के घर दिनांक 11/02/2023 को एक धमकी भरा फरमान थमाया गया जिसमें लालपुर थाना कांड संख्या 251/2021 धारा 147/149/341/323/332/

353/188/269/270 भारतीय दण्ड विधान एवं 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम में प्राथमिकी अधियुक्त बनाकर तीन दिनों के अंदर लालपुर थाना में उपस्थित नहीं होने पर कड़ी कानूनी कारवाई करने का चेतावनी दिया गया, विचारणीय यह है कि देवेंद्र नाथ महतो पर जो धमकी भरा फरमान और इतना अधिक धारा लगाया गया है इस तरह का फरमान तो किसी नक्सली और आतंकवादी पर भी नहीं लगता है।

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क्या देवेंद्र नाथ महतो नक्सली और आतंकवादी से भी बड़ा अपराधी है?

झारखंड राज्य के त्रस्त जनता जानना चाहती है कि वर्तमान समय में प्रशासन के संरक्षण से राज्य के सरकारी नौकरी और राज्य के सरकारी संपति खनिज संपदा, बालू, कोयला,पत्थर, जंगल, जमीन इत्यादि को रोकने के बजाय धड़ल्ले से बेचा जा रहा है दूसरी तरफ सच्चाई और ईमानदारी से निस्वार्थ भावना से समर्पित सक्रिय आन्दोलन के प्रतीक गरीब किसान का बेटा देवेंद्र नाथ महतो को फर्जी मुकदमा से धमकी देने के पीछे का सच्चाई क्या है?

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दरअसल सच्चाई यह है कि 23 साल के झारखंड लूटते रहने का सिलसिला जारी रहे तब किसी को कोई दिक्कत नहीं है, राज्य के सबसे बड़ी संस्था जेपीएससी में शुरू से ही हो रही भ्रष्टाचार चरम पर है, हर जेपीएससी में मनमानी करते हुए हर बार सेटिंग गेटिंग करके सीट बेचने में सफल रहा है लेकिन जेपीएससी आंदोलन के इतिहास में पहली बार देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में की गई सातवीं से दसवीं जेपीएससी आंदोलन के परिणाम जेपीएससी अपना मनमानी कर सेटिंग गेटिंग करने में असफल रहा और जेपीएससी अपना गलती स्वीकार करते हुए रिजल्ट में सुधार किया, तथा क्वेश्चन पेपर लीक मामला में अपराधी पकड़ाया, नियोजन नीति हाई कोर्ट से रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय वापस लिया, नियुक्ति प्रक्रिया में रेट्रोफिट को वापस किया गया, इसके अलावा अन्य अनेक आंदोलन सफल हुआ है।

आश्चर्य की बात तो यह है कि राज्य के समस्त जनता जानती है कि जेपीएससी के जिस गड़बड़ी पर आंदोलन करते हुए देवेंद्र नाथ महतो पर फर्जी मुकदमा कर इतना अधिक धारा लगाया गया है वह गड़बड़ी जेपीएससी स्वीकार करते हुए आंदोलन के परिणाम झारखंड के इतिहास में पहली बार जेपीएससी रिजल्ट में सुधार किया।

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सरकार का तानाशाही चेहरा तो तब और उजागर होता है की देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में जेपीएससी के जिस गड़बड़ी पर आंदोलन किया गया, वह सच था यह बात जेपीएससी स्वीकार करते हुए रिजल्ट में सुधार किया तो एक सच आंदोलन पर झूठे फर्जी मुकदमा पर लगाया गया। आरोप क्यों नहीं हटाया जा रहा है? इसके विपरीत देवेंद्र नाथ महतो को क्यों परेशान किया जा रहा है राज्य के जनता जानना चाहती है* क्या भ्रष्टाचार का उजागर करना, हक अधिकार का आवाज उठाना जुर्म है?

आज के समय राज्य के जनता और छात्र को देवेंद्र नाथ महतो के साथ खड़ा रहने का जरूरत है अन्यथा बिना खाए पिए निस्वार्थ भाव से समर्पित भावना से उठाने वाले आवाज सदा के लिए थम जायेगा।

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