झारखंड में हाइकोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसे लेकर पिछले दिनों कैबिनेट में भी प्रस्ताव लाया गया। जिसके बाद हाइकोर्ट में याचिका दायर करने वालों टेट पास को मौका मिलेगा।
जिसके मुताबिक़ वर्ष 2015 के प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में गैर पारा शिक्षक श्रेणी में आवेदन करने वाले वैसे पारा शिक्षकों, जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया है, उनके लिए झारखंड सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के लिए अंतिम काउंसलिंग आयोजित करेगी।
झारखंड गजट के अगले अंक में जनसाधारण की जानकारी के लिए इसे प्रकाशित भी किया जाएगा। वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने काउंसलिंग में शामिल होने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है उनके लिए झारखंड सरकार आखिरी राउंड का काउंसलिंग का आयोजन करेगा।
आपको यह भी बता दें कि राज्य सरकार को हाई कोर्ट ने अंतिम काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का निर्देश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दी थी। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता रवि प्रकाश मिश्रा और अधिवक्ता गौरव राज ने पैरवी की थी। प्रार्थी नईमीशलम अंसारी एवं अन्य की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
शेष रह गए रिक्त पदों इन शर्तों के अधीन होगा कॉउंसलिंग
i) न्यायादेश के आलोक में झारखण्ड प्रारंभिक शिक्षा नियुक्ति नियमावली, 2012 (यथा संशोधित 2014, 2015 एवं 2019) के प्रावधानों के अनुरूप नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होगा।
ii). अभ्यर्थी को किसी एक ही कोटि के पदों पर काउंसिलिंग में भाग लेने का निर्णय लेना होगा।
III) प्रस्तावित काउंसिलिंग माननीय उच्च न्यायालय के न्याय निदेश के आधार पर वर्ष 2015-16 के समव्यवहार (Transaction) का ही उप समव्यवहार माना जाएगा। इसके लिए पुनः आवेदन पत्र आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
IV) वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2019 में चयनित अभ्यर्थियों के संबंध में तैयार मेधा सूची को पुनः आयोजित काउंसिलिंग के बाद अधिक प्राप्तांक के आधार पर संशोधित नहीं किया जाएगा। इसके लिए किसी नवचयनित अभ्यर्थी के वरीयता का दावा मान्य नहीं होगा। वर्तमान चयनित नियुक्त शिक्षक वर्तमान की वरीयता के अनुसार पूर्व में नियुक्त शिक्षक के नीचे होंगे। इस आयोजित अंतिम काउंसिलिंग के क्रम में नियुक्त अभ्यर्थी का नियुक्ति वर्ष 2024 माना जाएगा।
V ) पूर्व में नियुक्ति का Cut-Off प्राप्तांक में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
VI ) इस चरण के नियुक्त शिक्षकों को एक ही समव्यवहार के कारण पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान वरीयता एवं वेतनमान देय होगा। उप समव्यवहार में चयनित अभ्यर्थी इसकी मांग नहीं कर सकते हैं।
VII ) न्यायालय में याचिका दायर कर पारित न्यायादेश से आचादित अभ्यर्थियों को
काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा। काउंसिलिंग में भाग लेने हेतु अभ्यर्थियों को न्यायादेश की प्रति भी अपने अन्य आवश्यक अभिलेखों/कागजातों के साथ देना होगा।
VIII ) W.P.S 2142/2019 एवं संबद्ध वादों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 13.05.2019 को पारित न्यायादेश के आलोक में उपरोक्त न्यायादेश से आच्छादित सभी वादीगण उक्त काउंसिलिंग में भाग ले सकेंगे।
IX. उम्र सीमा एंव शैक्षणिक प्रशैक्षणिक योग्यता तथा वेतनमान के संबंध में अहर्त्ता और शर्तों एवं बंधेज पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन के अनुरूप ही होगा। उसमें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाएगा। पूर्व विज्ञापन में प्रकाशित सभी Cut-Off को ही न्यूनतम अहर्ता हेतु प्रभावी तिथि माना जाएगा।
X. वास्तविक नियुक्ति की तिथि को अभ्यर्थी की उम्र सीमा निर्धारित मानक से अधिक होगी तो उसको शिथिल करने का अधिकार संबंधित उपायुक्त को मात्र इस विशेष मामले में प्रदान किया जाता है।
XI) काउंसिलिंग का यह अंतिम अवसर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के अनुपालन में दिया जा रहा है। मूल प्रमाण पत्र जमा करने हेतु भी यह अंतिम अवसर होगा। कोई अन्य अवसर देय नहीं होगा।
XII) ऐसे अभ्यर्थी जिनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र हिन्दी विद्यापीठ, देवघर से दिनांक 26. 02.2015 तक निर्गत है, भी मेधा सूची के आधार पर प्रस्तावित काउंसिलिंग में भाग ले सकेंगे।