डाॅ. गजाधर महतो ने कहा- बदलते भारत में स्थानीय भाषाओं की जानकारी प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण

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भुरकुंडा। झारखंझ राष्ट्र भाषा परिषद के तत्वावधान में मतकमा चौक भुरकुंडा स्तिथ स्टूडेंट्ड फ्रेंड्स कोचिंग प्रांगण में सोमवार को खोरठा में प्रथम पीएचडी धारक डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर द्वारा लिखित खोरठा भाषा के नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित गोटा-गोटी व्याकरण एवं साहित्य खोरठा पुस्तक का लोकार्पण हुआ।

गोटा-गोटी खोरठा पुस्तक लोकार्पण के मौके पर डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर ने कहा कि झारखंड में प्रतियोगिता परीक्षाओं में अनिवार्य विषय के रूप में खोरठा और अन्य स्थानिय भाषाओं का भारी महत्त्व है। उन्होंने कहा कि बदलते भारत में स्थानीय भाषाओं की जानकारी प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

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प्रस्तुत पुस्तक इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है। उन्होंने कहा कि स्नातक स्तरीय जेएसएससी की आगामी परीक्षाओं में यह पुस्तक निर्णायक साबित होगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व प्राचार्य भवानी महतो एवं पूर्व प्राचार्य अशोक मिश्रा ने कहा कि हमलोगों के लिए यह बड़ी गर्व की बात है कि हमारे बीच के शिक्षक डाॅ. गजाधर महतो द्वारा लिखित गोटा-गोटी खोरठा पुस्तक का विमोचन हुआ है।

यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगी। मौके पर प्राचार्य कैलाश राम, प्राचार्य अमरनाथ महतो, प्राचार्य शशि कुशवाहा, डाॅ. शंभु प्रसाद, विनय सिंह चैहान, दिनेश राजगढ़िया, मोगल राम, मोहन बेदिया, जयकिशोर महतो, रूपेश कुमार विश्वकर्मा, मिंटू विश्वकर्मा, आनंद बारला, राजीव कुमार उरांव, कमलेश कुमार, ईशान, विवेक, रवि करमाली, मनोज कुमार बेदिया, किशोर बेदिया, विजय, साहिल शर्मा, मानसी, ललिता सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद थें।

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