सरकारी अस्पताल के डॉक्टर नहीं कर पाएंगे निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस, मिला अंतिम वार्निंग

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अक्सर देखा जाता है कि सरकारी हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर अपना निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करते हैं। आमतौर पर सरकारी अस्पताल में आकर अपना व्यापार बढ़ाने हेतु डॉक्टर निजी क्लीनिक में आने को लेकर बढ़ावा देते हैं। इसी तरह का मामला एक राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान केंद्र रांची रिम्स में देखने को मिला जहां पर अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा निजी क्लीनिक में प्रेक्टिस किया जा रहा था। इस संबंध में विभाग ने  कार्रवाई करते हुए अंतिम चेतावनी दिया है।

प्रबंधन ने निजी प्रैक्टिस करने वाले तीन विभागाध्यक्ष समेत पांच डॉक्टरों को चिह्नित किया है. इनमें कार्डियोलॉजी के एक, यूरोलॉजी के दो तथा डेंटल व न्यूरोलॉजी विभाग के एक-एक डॉक्टर शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, उक्त डॉक्टरों को रिम्स निदेशक ने खुद बुलाकर चेतावनी दी है. इन डॉक्टरों को निदेशक ने आगाह किया गया है कि आपके नाम की सूची सरकार के स्तर से उपलब्ध करायी गयी है. इससे आपको अवगत कराया जा रहा है. इसके बाद भी अगर आप निजी प्रैक्टिस करते हैं, तो सख्त कार्रवाई करते हुए सरकार को इससे अवगत कराया जायेगा.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर पहले से ही कार्रवाई की तैयारी चल रही है।  उनके खिलाफ शिकायत के आधार पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था।  इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग के एक सीनियर रेजीडेंट का नाम भी निजी प्रैक्टिस में आया है।

निदेशक ने उक्त डॉक्टर को भी बुलाकर समझा दिया है. वहीं, सीनियर डॉक्टरों के अलावा इंटर्न और पीजी डॉक्टरों को अपनी प्रशिक्षण अविधि के दौरान ईमानदारी से काम करने को कहा गया है।

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