Ranchi एक हिंदी अखबार में छपी खबर के अनुसार उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए झारखंड में छोटी सरकारी नौकरियों के रास्ते लगभग लगभग बंद होने वाले हैं। झारखंड कार्मिक विभाग की तैयारियों के हिसाब से अब मैट्रिक स्तरीय पदों पर इंटर स्नातक पास अभ्यर्थी अथवा अधिक पढ़े लिखे लोग आवेदन नहीं कर सकेंगे।
इसके पीछे यही तर्क दिया जा रहा है कि मैट्रिक पास अभ्यर्थियों का हक अधिकार पढ़े-लिखे लोग ले जा रहे हैं। मैट्रिक पास अभ्यर्यों के लिए उनका सरकारी नौकरी पाना मुश्किल हो जाता है। कार्मिक विभाग इसे रोकने के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के संचालन के लिए बनी परीक्षा संचालन नियमावली में परिवर्तन करने जा रही है। कार्मिक विभाग का यह प्रस्ताव फिलहाल मुख्य सचिव के पास विचाराधीन है।
क्या हो सकते हैं प्रभाव
इस पर सहमति मिलने के बाद नियमावली में परिवर्तन किया जाएगा। झारखंड में ऐसे सैकड़ों उदाहरण देखने को मिल जाएंगे जहां असना तो कर स्नातक और पीएचडी किए हुए अभ्यर्थी चतुर्थवर्गीय पदों पर भी कार्यरत हैं। इन अभ्यर्थियों के आ जाने के कारण कम पढ़े-लिखे लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती है।
क्या आती है समस्याएं
अधिकारी अधिक पढ़े लिखे लोगों से छोटे-छोटे काम जैसे की फाइल लाना ले जाना कराने में असहज महसूस करते हैं। ऐसा कई बार देखने को मिलता है कि अधिकारी कभी नहीं पाते हैं। सबसे अधिक परेशानी उन सहायकों को होती है जो इंटर पास कर नौकरी पा चुके हैं लेकिन असना तो कर पास करने वाले अभ्यर्थी उनके अधीन काम करने पहुंच गए हैं ऐसी तमाम परेशानियों को दूर करने के लिए कार्मिक विभाग नया उपाय निकाला है। यह भी तय किया गया है कि अधिक पढ़े लिखे लोगों को छोटी नौकरियों से दूर रखा जाए।
कार्मिक विभाग पूरी प्रक्रिया को सिर्फ परीक्षा संचालन नियम म संशोधन के माध्यम से पूर्ण करना चाहती है और मुख्य सचिव की सहमति के बाद लागू कराने का भी प्लान बना चुकी
नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होने की पूरी संभावना
कार्मिक विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसे निश्चित तौर पर कोर्ट में चुनौती जिद्दी जाएगी। अधिक पढ़े लिखे अभ्यार्थी इसे कोर्ट में चुनौती देंगे ताकि उनकी हक मारी नहीं हो सके फुलस्टॉप ऐसा होने पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होने की पूरी संभावना है। कई महीनों तक मामला कोर्ट में लटकने की भी संभावना दिख रही है पूर्व में भी ऐसे कई कारणों के चलते परीक्षाएं रुके हैं।
पाइप लाइन में कई परीक्षाएं
राज में विभिन्न प्रकार की नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया पाइप लाइन में है और इसमें किसी प्रकार के संशोधन से पूरी प्रक्रिया बाधित होने का खतरा भी बंद आ रहा है अगर कोई बाधा उत्पन्न होगी तो निश्चित तौर पर परीक्षाओं का आयोजन और परिणाम आने में देरी होंगे।