जयनगर थाना प्रभारी और SI ने मिलकर जान मारने की नीयत से अपहरण किया, आरोप

0 minutes, 6 seconds Read

कोडरमा जिला अंतर्गत जयनगर थाना में कार्यरत थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा SI अमित कुमार ASI दिलीप कुमार मंडल, दयानंद पासवान ,धीरेंद्र कुमार व वाहन चालक के ऊपर जान से मारने की नियत से अपहरण करने के संबंध में जयनगर थाना कांड संख्या 70/2022 के अभियुक्त सुनील यादव ने पुलिस अधीक्षक महोदय को आवेदन देकर  FIR दर्ज करने की मांग किया है।

साथ ही साथ आवेदन के साथ साक्ष्य के रूप में तथ्य को भी प्रस्तुत किया है।

Whatsapp Group

आवेदन में आवेदक ने कहा है जो निम्नलिखित हैं।

सेवा में

श्रीमान पुलिस अधीक्षक ,महोदय

कोडरमा

विषय – जान मारने की नीयत से अपहरण करने के संबंध में।

महाशय

विनीत शब्दों में कहना है कि मैं सुनील यादव पिता तुलसी यादव ग्राम चेहाल पोस्ट सरमाटांड थाना जयनगर जिला कोडरमा का स्थाई निवासी हूं। यह कि मैं पेशे से मरीन इंजीनियर हूं। और साथ ही साथ मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूं। जो भारत सरकार के UDYAM में योजना के तहत निबंधित है जिसका निबंधन संख्या UDYAM-14 000 1996 है। मैं पकड़ भारत यूट्यूब चैनल एवं पकड़ भारत न्यूज पोर्टल का संचालक हूं। यह कि मेरे द्वारा दिनांक 19/4/ 2022 को अपने यूट्यूब चैनल पर जयनगर थाना से संबंधित वीडियो अपलोड किया गया। जिसमें जयनगर थाना में आम जनता के साथ होने वाले परेशानियों को दिखाया गया था। जिससे से खफा होकर दिनांक 2/5 /2022 ईस्वी को तेतरौन चौक से आगे  कटिया (तेतरौन परसाबाद मार्ग) पर से जान मारने की नीयत से थाना प्रभारी जयनगर ऋषिकेश कुमार सिन्हा एसआई अमित कुमार एएसआई दिलीप कुमार मंडल दयानंद पासवान धीरेंद्र कुमार वाहन चालक के द्वारा मेरा अपहरण किया गया।  यह कि ग्राम मुसवा मकतपुर के बीच हत्या करने के नियत से पुलिस वैन रोका गया। परंतु रोड पर वाहनों की आवाजाही अधिक होने के कारण मुझे थाना लाने का निर्णय लिया गया। थाना लाने के क्रम में मेरे साथ मारपीट व गाली-गलौज किया गया।

See also  जयशंकर प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित किए जाएंगे, झारखंड सरकार से सम्मानित मशहूर खोरठा गीतकार विनय तिवारी

यह कि थाना लाने के बाद थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा एसआई अमित कुमार एएसआई दिलीप कुमार मंडल मुंशी रमेश चंद्र एक अज्ञात पुलिसकर्मी के द्वारा बारी-बारी से मेरे साथ थाना के कंप्यूटर रूम में लगभग दो-तीन घंटों तक लगातार पुलिस लाठी से मारपीट की गई।

यह कि पुलिसकर्मियों में हत्या का निर्णय एकमत अर्थात आपसी सहमति न होने के कारण एक षड्यंत्र के तहत मुझे ही आरोपी बनाकर मेरे ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया।

यह कि मेरे द्वारा और अन्य माध्यमों से जयनगर थाना कांड संख्या 70/2022 से सबधित कुछ आवेदन पूर्व में श्रीमान को दिया गया है जिस पर अभी तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई है।

अपितु मेरे द्वारा और अन्य माध्यमों से दिए गए आवेदनों पर ध्यान ना देकर पर्यवेक्षक एवं थाना प्रभारी जयनगर द्वारा प्रस्तुत झूठे रिपोर्ट को आधार बनाकर श्रीमान द्वारा उपायुक्त महोदय को गलत जानकारी दी गई है।

यह कि प्राथमिकी को सही साबित करने के लिए पर्यवेक्षक एवं थाना प्रभारी जयनगर बिना जांच किए श्रीमान को गलत जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

यह कि पुलिस द्वारा जान से मारने की नीयत से मेरा अपहरण किया गया और बाद में बनावटी प्राथमिकी दर्ज किया गया जिस को साबित करने के लिए निम्नलिखित तथ्य हैं

  1. प्राथमिकी में सूचक थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा एवं ग्वाह आरक्षी दयानंद पासवान एवं आरक्षी धीरेंद्र कुमार हैं। प्राथमिकी के अनुसार मेरी गिरफ्तारी तेतरौन चौक से की गई। जहां मेरे कारण जाम की स्थिति बनी हुई थी एवं काफी भीड़ था, फिर भी गिरफ्तारी के समय पुलिस को कोई स्वतंत्र गवाह क्यों नहीं मिला?(प्राथमिकी की छाया प्रति संलग्न है)
  2.  मेरी तथाकथित गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस के द्वारा कोई फोटोग्राफ या वीडियो ग्राफ प्रस्तुत नहीं किया गया। क्योंकि पुलिस के पास ऐसा कोई भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी है ही नहीं , क्योंकि तेतरौन चौक से आगे कटिया (तेतरौन परसाबाद मार्ग) पर थाना प्रभारी जयनगर ऋषिकेश कुमार सिन्हा एसआई अमित कुमार एएसआई दिलीप कुमार मंडल दयानंद पासवान धीरेंद्र कुमार वाहन चालक के द्वारा जान से मारने की नियत से अपहरण किया गया था।
  3.  यह कि मेरे द्वारा दिनांक 27/6/ 2022 ईस्वी को तेतरौन चौक के स्थानीय निवासी व दुकानदारों द्वारा हस्ताक्षरित एक आवेदन पुलिस अधीक्षक कोडरमा , जिसमें लिखा गया कि तेतरौन चौक में दिनांक 2/5 /2022 ईस्वी को ऐसी कोई घटना या गिरफ्तारी नहीं की गई। (आवेदन की छाया प्रति संलग्न)
  4.  यह कि मेरी तथाकथित गिरफ्तारी को आरक्षी दयानंद पासवान एवं आरक्षी धीरेंद्र कुमार के द्वारा सत्यापित किया गया, जबकि नियमानुसार गिरफ्तारी को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का संबंधी मित्र या फिर गिरफ्तार किए गए स्थल का स्थानीय व्यक्ति ही गिरफ्तारी को सत्यापित कर सकता है।  ( गिरफ्तारी ज्ञाप की छाया प्रति संलग्न)
  5.  यह कि मेरी तथाकथित गिरफ्तारी के बाद मेरे परिवार या सगे संबंधी को जानकारी नहीं दी गई । जबकि तथाकथित गिरफ्तारी के समय मेरा मोबाइल मेरे साथ था अगर थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा द्वारा मेरे परिवार या सगे संबंधी को मेरी गिरफ्तारी की सूचना दी गई, तो किस माध्यम से और किसे दी गई केस दैनिकी में इसका कोई उल्लेख क्यों मौजूद नहीं है।
  6. यह कि गिरफ्तारी ज्ञाप में मेरे शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं है। न्यायालय में प्रस्तुत करने से पहले मेडिकल रिपोर्ट में चोट के निशान मौजूद हैं।( मेडिकल रिपोर्ट की छाया प्रति संलग्न )
See also  झारखंड के सभी प्राथमिक विद्यालय अगले आदेश तक रहेगी बंद

अतः श्रीमान से निवेदन है कि उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए जयनगर थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा एसआई अमित कुमार एएसआई दिलीप कुमार मंडल आरक्षी 530 धीरेंद्र कुमार व आरक्षी 549 दयानन्द  पासवान वाहन चालक पर जान से मारने की नियत से अपहरण करने एवं मुंशी रमेश चंद्र व एक अज्ञात पुलिसकर्मी पर बर्बरता पूर्वक मारपीट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करें।

आपका विश्वासी

 

Share this…

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *