Jpsc news झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन(JPSC) ने परीक्षा संबंधित कदाचार को रोकने के लिए अपने द्वारा समुचित प्रावधान सुनिश्चित किया है। इसमें से कई प्रावधान पहली बार जेपीएससी परीक्षा में लाए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों के फेस रिकॉग्निशन और अन्य तरह का सदाचार मुक्त परीक्षा के लिए नियम बनाए जा रहे हैं।
JPSC सिविल सेवा के परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों में अब फ्रीस्किंग तथा मेटल डिटेक्टर के जांच से गुजरने के बाद परीक्षा देना दिया जाएगा। परीक्षा में कोई भी अनुचित सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस परीक्षा केंद्र पर प्रतिबंधित रखे गए हैं।
JPSC का नया प्रावधान
परीक्षा केंद्र में किसी भी तरह का आवाज संचार को रोकने के लिए जैमर भी लगाए जाएंगे। जेपीएससी के द्वारा 21 जनवरी2024 को ली जाने वाली सिविल सेवा ( बैकलॉग) परीक्षा में इसकी शुरुआत की जाएगी।
पहली बार सदाचार के लिए निर्धारित किए गए मापदंड के प्रावधान के तहत jpsc सिविल सेवा परीक्षा लेने को जा रहा है। यह परीक्षा कुल 10 पदों के लिए है।
राजधानी रांची के साथ केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा ली जानी है। आयोग ने सूचना के मुताबिक इस परीक्षा में राज्य स्तर पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। इसके तहत 3 साल से 10 साल तक का कारावास एवं 5 लाख से 10 करोड रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
परीक्षा संबंधित कदाचार को रोकने के लिए आयोग द्वारा समुचित प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं। इनमें से कई प्रावधान पहली बार प्रयोग में लिए जा रहे हैं। फेस रिकॉग्निशन और इरिस डिक्टेशन का प्रावधान अभ्यर्थियों के लिए भी किया गया है।
परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी फुटेज स्थापित किए गए हैं आयोग के कंट्रोल रूम से सीसीटीवी फुटेज को जोड़ा गया है। हर कक्षा में होने वाली गतिविधियों पर बारीकी नजर रखी जा सकेगी। आयोग के किसी भी प्रकार के निर्देश का रियल टाइम आदान-प्रदान वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल द्वारा किए जाने का भी प्रावधान है। जिससे की परीक्षा संचालन में किसी भी तरह का कोई बासकेगी हो सके।