कोडरमा जिला अंतर्गत जयनगर थाना के थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा के संबंध में पत्रकार संघ ने पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि जयनगर थाना पर एक दैनिक अखबार के संवाददाता को गाली गलौज व झूठे केस में फसाने का धमकी दिया है। इसमें पीड़ित पत्रकार संतोष राणा ने एसपी को इस संबंध में उचित करवाने की मांग किया है। उन्होंने आवेदन में बताया कि थाना प्रभारी 10 जुलाई को व्हाट्सएप पर न्यूज़ लिखने के संबंध में गाली गलौज व जेल भेजने की धमकी दिया है।
आपको बता दें कि जयनगर थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा पर इसके पूर्व में भी बहुत सारे मामले में पुलिस अधीक्षक को शिकायत की गई है। लेकिन पुलिस अधीक्षक कोडरमा थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा के खिलाफ सिर्फ विधि सम्मत कार्रवाई करने की बात कहते हैं। लेकिन कोई विधि सम्मत का काम थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा पर नहीं किये है पुलिस अधीक्षक कोडरमा जयनगर थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिंह को जानबूझकर के बचा रहे हैं?
किन मामलों में थाना प्रभारी की लापरवाही
आपको बताते चलें कि जयनगर थाना प्रभारी पर कोडरमा कोर्ट में प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 मामले लंबित हैं। उसमें से एक मामला में बीते 9 फरवरी 2023 को 156 (3 ) के तहत कोर्ट के आदेश को भी दरकिनार करते हुए FIR दर्ज नहीं किया है।
इस मामले में माननीय कोर्ट के द्वारा भी पुलिस अधीक्षक कोडरमा को नोटिस निर्गत किया है। बावजूद एसपी कोडरमा कुमार गौरव एफ आई आर दर्ज नहीं करवा पाए हैं। ना थाना प्रभारी को सस्पेंड कर रहे हैं।
आपको बताते चलें कि थाना प्रभारी ऋषिकेश सिन्हा पर एक अन्य केस में जहां पर विधायक अमित कुमार यादव ने विधानसभा में भी उनका ऑडियो क्लिप जारी कर अमानवीय व्यवहार या धमकी देने के संबंध में भी उठाया।
थाना प्रभारी पर आरोप सही साबित, एसपी चुप
धमकी भरा ऑडियो पुलिस विभाग के द्वारा जांच में सही पाया गया बावजूद कोडरमा पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा के ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं की, बल्कि 26 जनवरी को ऋषिकेश कुमार सिन्हा को मंच से सम्मानित किए है।
बीते दिनों में थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा पद का दुरुपयोग करके पर्सनल हित लालच के साथ तानाशाही के रूप में काम कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक कोर्ट आदेश मनवाने में नाकाम
सवाल उठता है कि पुलिस अधीक्षक एक खास थाना प्रभारी को बचाने के पीछे क्यों लगे हैं। कानून का रक्षक इसके ऊपर पूरे जिले की जिम्मेवारी है कानून व्यवस्था को स्थापित करने के पुलिस अधीक्षक माननीय कोर्ट के आदेश को भी पालन करवाने में नाकाम रहे हैं।
बात यह भी उठता है कि यदि कोर्ट का आदेश भी पुलिस अधीक्षक लागू करने में नाकाम हैं तो फिर पुलिस अधीक्षक भी किसी दबाव में काम कर रहे हैं या उनको कानून से कोई मतलब नहीं है सिर्फ पर्सनल हित के लिए किसी पर्सनल व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि वर्तमान थाना प्रभारी के ऊपर हत्या के नियत से अपहरण, हत्या का प्रयास, झूठा मुकदमा के साथ-साथ अन्य गंभीर मामलों के भी आरोपी हैं।