राँची – राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में खोरठा की बीए व एम ए स्तर की विधिवत् पढ़ाई के लिए पदसृजन कराने एवं विभाग खोलवाने हेतु खोरठा साहित्य संस्कृति से जुड़े प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। टुंडी विधायक सह सरकार के सचेतक श्री मथुरा प्रसाद महतो के नेतृत्व में खोरठा साहित्यकार व सहायक प्राध्यापक दिनेश दिनमणि, सुप्रसिद्ध खोरठा गीतकार विनय कुमार तिवारी, डॉ अजय कुमार, खोरठा शोधार्थी व संस्कृतिकर्मी संदीप कुमार महतो, राजीव कुमार तिवारी आदि ने विधानसभा कार्यालय में मुख्यमंत्री को इस आशय का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद समेत नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, मेदिनीनगर, सिधु-कानु विश्वविद्यालय, दुमका और इनके अंतर्गत के महाविद्यालय अगले सत्र से खोरठा की स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की विधिवत् पढ़ाई शुरू करवायी जाए। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय से खोरठा विषय के लिए पदसृजन का प्रस्ताव तीन साल पहले ही भेजा गया है पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जिसके कारण विश्वविद्यालयों में खोरठा की पढ़ाई नहीं हो पा रही है और स्थानीय ग्रामीण गरीब विद्यार्थी अपनी मातृभाषा की शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
खोरठा के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से डेढ़ करोड़ से अधिक झारखंडी जनता की मातृभाषा खोरठा भाषा के समग्र विकास के लिए संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कराने की भी मांग की। साथ ही खोरठा के कवि-कलाकारों को सम्मानित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने सभी बातों को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि इस पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर खोरठा साहित्यकार शिक्षक दिनेश कुमार दिनमणि ने अपनी व्याकरण पुस्तक ‘आधुनिक खोरठा बेयाकरन आर रचना’ नामक पुस्तक संदीप कुमार महतो के संपादित कविता संग्रह ‘जुरगुड़ा’ मुख्यमंत्री को समर्पित की।