New Delhi समय के साथ बदलाव को देखते हुए अभ्यार्थी एक के साथ दूसरा डिग्री कर लेना चाहते हैं। परंतु इसमें बाधा आती थी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट का।
नामांकन के समय यह दोनों का जरूरत होता था लेकिन अब ऐसे बाध्यता को UGC ने खत्म कर दिया है। उच्च शिक्षण संस्थान एक साथ दो डिग्री की पढ़ाई करने में बाधक नहीं बनेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी )ने सभी वद्यालयों को ऐसा तंत्र विकसित करने के लिए कहां है जिसमें 2 डिग्रियां एक साथ प्राप्त किया जा सकता है। UGC ने साफ तौर पर कहा कि माइग्रेशन सर्टिफिकेट और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के बिना ही संस्थान में दाखिला ले, इसमें आनाकानी करने की कोई जरूरत नहीं है।
यदि कोई विद्यार्थी का नामांकन से संबंधित इस विषय के कारण शिकायत आता है तो संस्थान के खिलाफ बहुत बड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ यूजीसी ने विद्यार्थियों के प्रमाणपत्रों को संस्थान में जमा करा लेने व कोर्स में दाखिला लेने में कोई परेशान नहीं कर सकते हैं।
2022 में ही मिली थी एक साथ 2 डिग्री की सुविधा
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के सचिव पीके ठाकुर ने बताया कि अप्रैल 2022 में एक साथ दो पूर्णकालिक डिग्री पूरा करने का प्रस्ताव को मंजूरी यूजीसी के द्वारा दे दे गए थे। इसके तहत कोई भी छात्र एक साथ दो नियमित डिग्री एक ऑनलाइन और दूसरा नियमित ओपन डिस्टेंसिंग मोड से पढ़ाई करने में बाध्यता नहीं होगी।
साथ ही साथ एक डिप्लोमा कोर्स और एक यूज यूजी कार्यक्रम दो मास्टर कोर्स या दो स्नातक कोर्स के संयोजन का भी चयन का अनुमति दे दिया गया है
कैसे होगा सर्टिफिकेट सत्यापन
केंद्र सरकार ने Digilocker के जरिए सर्टिफिकेट के सत्यापन की मंजूरी दी है। यहां पर सीबीएसई बोर्ड ,प्रदेश बोर्ड, विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने छात्रों के सर्टिफिकेट अपलोड कर सकते हैं। और यहीं से दाखिला के दौरान डिजिलॉकर से ही उच्च शिक्षण संस्थान का सर्टिफिकेट जांच किया जा सकता है।
हालांकि शिक्षण संस्थान अभी से छात्रों से सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज मांगते हैं।
UGC ने एक साथ दो पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए निर्देश जारी किया और कहा की यह व्यवस्था सुगम हो इस विद्यालय को अपने विधिक निकायों के जरिए भी ऐसी व्यवस्था तैयार करने को कहा है।
इसमें छात्र-छात्राओं के लिए एक साथ दो पाठ्यक्रम की पढ़ाई और आसान हो जाए। अधिकारियों ने आगे भी जानकारी दी।
यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा स्थानांतरण प्रमाण पत्र व स्कूल परित्याग पत्र पर जोर देकर विद्यालय में नामांकन नहीं लेने के संज्ञान में लिया है।