हाई कोर्ट: प्राइवेट व सरकारी शिक्षकों को वेतन सुविधा एक बराबर

0 minutes, 1 second Read

New Delhi दिल्ली में गैर सहायता प्राप्त विद्यालय शिक्षक की सैलरी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बहुत बड़ा फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के शिक्षक सरकारी स्कूलों के शिक्षक को वेतन भत्ते के लिए समान हकदार हैं ।

फैसला में प्राइवेट स्कूल की उस याचिका के जवाब में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है जिसमें उसने अपने शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी।

Whatsapp Group

प्राइवेट टीचर को सरकारी शिक्षक के बराबर सैलरी वैधानिक जिम्मेवारी

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम की धारा 10 का उल्लेख करते हुए बताया कि किसी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के वेतन और भत्ते मेडिकल सुविधाएं पेंशन ग्रेच्युटी भविष्य निधि और अन्य लाभ का पैमाना सरकारी स्कूल के कर्मचारियों के बराबर होना चाहिए।

See also  _कैंसर को अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में शामिल , ताकि इलाज और ट्रैकिंग आसान हो सके

कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एक अधिसूचना पर प्रकाश डालते हुए कहा। सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश को लागू करने का भी निर्देश दिया।

जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मिनी पुष्करण ने इस बात पर भी जोर दिया कि गैर सरकारी प्राप्त प्राइवेट स्कूल अपनी वैधानिक जिम्मेवारी से बच नहीं सकते हैं उन्हें सर शिक्षकों को सरकारी स्कूलों के बराबर वेतन और लाभ देने के दायित्व को पूरा करना होगा। कोर्ट में कहा कि कानून के निर्विवाद स्थिति है कि गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के शिक्षक अपने सरकारी स्कूल के बराबर पाने का हकदार है।

See also  काशी विश्वनाथ मंदिर बना व्यापार का केंद्र ! ₹2000 देकर करने होंगे मंदिर दर्शन

Share this…

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *