झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा (छोटानागपुर पठार) में कुड़मी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने गंभीरता दिखायी है। झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कुड़मियों को आदिवासी का दर्जा देने की मांग की थी. पीएमओ ने संज्ञान लेते हुए आदिवासी मंत्रालय को रिपोर्ट देने को कहा है।
आदिवासी कल्याण मंत्रालय ने झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा सरकार के अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। आदिवासी मंत्रालय ने झारखंड व ओडिशा के एसटी-एससी, माइनोरिटी एंड बैकवर्ड क्लास वेलफेयर डिपार्टमेंट के सचिव व बंगाल के बैकवर्ड क्लासेस वेलफेयर डिपार्टमेंट के प्रिंसपिल सेक्रेटरी को पत्र लिखा है.शैलेंद्र महतो ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मामले में गंभीरता दिखाते हुए इसका समाधान करेंगे।
लोकसभा चुनाव के पहले कुड़मियों को आदिवासी बनाने के मामले को लेकर मांगी जा रही रिपोर्ट को लेकर राजनीतिक चर्चा भी शुरू हो गयी है। शैलेंद्र महतो ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि अप्रैल-मई 2024 में चुनाव होने हैं. ऐसी परिस्थिति में कुड़मी समाज उनसे जानना चाहता है कि उनके तीसरे प्रधानमंत्री कार्यकाल में कुड़मी समाज की मांग का क्या होगा। यह उनके अस्तित्व-अस्मिता का मामला है. उनकी मांग संवैधानिक है, भाजपा इसे अपने चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल कर इसका समाधान करें।