सरकार स्वास्थ्य कर्मियों से की दशा बद से बदतर

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Jharkhand News एक तरफ स्वास्थ्य कर्मियों को पिछले कोरोना महामारी के समय बीमारी से लड़ने वाले योद्धा के रुप में करोना वारियर्स कह कर और फुल-मालाएं पहना कर सम्मानित किया गया।

दूसरी ओर कोरोना का प्रकोप खत्म होते ही अनुबंध पर कार्यरत इन स्वास्थ्य कर्मियों को काम से हटा दिया गया। और इनके भविष्य के सामने प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया।

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आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तो काम नहीं मिला। लेकिन अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा जारी रखी गयी। और उन्हें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि 2014 के नियमावली तहत उनकी सेवाओं को नियमित किया जाएगा।
इस आश्वासन के कई महीने गुजर गए हैं लेकिन सरकार ने इस दिशा मे कोई कदम नहीं उठाया। अब राज्य की स्वास्थ्य सेवा के अनुबंधकर्मियों की पिछले एक सप्ताह से जारी हड़ताल ने राजधानी रांची के रिम्स और सदर अस्पताल सहित सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है।

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सीटू की झारखंड राज्य कमिटी स्वास्थ्य कर्मियों के नियमितीकरण का मांग का समर्थन करते हुए राज्य सरकार से अपील करती है कि वह इन स्वास्थ्य कर्मियों के सभी संगठनों से वार्ता कर जनहित मे हड़ताल समाप्त कराए।

सेंटर आफ इंडियन ट्रेड युनियंस

(सीटू, झारखंड)

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