नियोजन नीति बनाने वाले ही नहीं चाहते, झारखंडियो के लिए ही बने नियोजन नीति

0 minutes, 2 seconds Read

Niyojan नीति 2023 झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा ली गई सारी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है। क्योंकि झारखंड उच्च न्यायालय ने झारखंड नियुक्ति नियमावली 2021 को अवैध करार दिया।

सवाल उठता है झारखंड के नियोजन नीति बार-बार कोर्ट में क्यों  फंस जाता है। इसका मुख्य कारण है झारखंड के मंत्री से लेकर संत्री तक युवाओं को बरगलाने के लिए नियोजन नीति,– नियोजन नीति कर करके समय बिता रहे।

Whatsapp Group

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने भाषणों में कह रहे हैं कि बंगाल के लिए बंगाली ,गुजरात के लिए गुजराती, उड़ीसा के लिए उड़िया तो झारखंड के लिए झारखंडी क्यों नहीं।

कैसे होगा झारखंड में झारखंडियों के लिए नियोजन नीति

छात्र संगठनों के 1 छात्र बताते हैं झारखंड में झारखंडियों के लिए ही नियोजन नीति बने यह संभव नहीं है। क्योंकि आधा से अधिक विधायक झारखंड के मूल निवासी है ही नहीं। झारखंड  खतियान आधार पर 1932 के तहत नियोजन नीति बनाने वाले अधिकारी, अधिकतर झारखंड से तालुकात रखते ही नहीं।

मुख्यमंत्री और मंत्री का दुविधा हो जाता है कि उनके आसपास करने वाले बड़े अफसर पर कुछ कह नहीं सकते हैं। चुकी अफसर और बड़े-बड़े नेता बिहार यूपी  छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से आकर झारखंड में सेटल हो गए हैं। तो  वो  क्यों चाहेंगे कि मेरा बसा बसाया परिवार झारखंड सरकार के 1932 खतियान अधार के नियोजन नीति पर हमारे बच्चों को फायदा या सुविधा ना मिले।

See also  सरकार की अगली कैबिनेट बैठक 11 जुलाई को, फैसलों का इंतजार,

विद्यार्थी बताते हैं सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है अभी जो नियोजन नीति बना रही है उस सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति को देखने के लिए।

गुजरात उड़िया और जहां पर भी नियोजन नीति सिर्फ वहां के लोगों के लिए बना, वहां के अधिकतर ऑफिसर उसी प्रदेश के हैं। झारखंड के  ऊंचे ऊंचे पदों पर अधिकारी बैठे हैं या तो पैरवी करके आए हैं या ईमानदार हैं उन्हें decision-making में भाग लेने दिया ही नहीं जाता है तो कैसे हो पाएगी झारखंड में  झारखंडडियो  के लिए ही नियोजन नीति ।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मनसा अगर 1932 खतियान  आधार पर झारखंडियों के लिए ही नियोजन नीति बनाना स्पष्ट है तो उन्हें बोल्ड डिसीजन लेना होगा,जो कि वह लेंगे नहीं ।

See also  IG ने इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर और दरोगा को किया निलंबित

क्योंकि वह  पॉलिटिक्स और पद को संभालने में  लगे है। उन्हें उदाहरण बनना होगा । सिंगापुर के  पहले राष्ट्रपति के जैसा। जो राष्ट्र और राज्य निर्माण में लगे रहे आज तक वाह वाही लूटने के लिए पूरे देश में एक भी प्रतिमा या स्मृति स्थल उनके लिए नहीं है।

अगर कुर्सी के पीछे भागे तो झारखंड में झारखंडियो में का ही नियोजन नीति बने यह कभी संभव ही नहीं है।

मोह माया छोड़ कर राज्य हित में फैसला लेने पर ही  मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन  का सपना पूरा हो सकता है।

आने वाला समय देखने वाला होगा की झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपना बाबा ही लूट आते हैं या राज्य का निर्माण करते हैं।

पूरा लेख का संदर्भ   विद्यार्थी के विचार पर लिखा गया है।आप क्या सोचते है, आप कितने संतुष्ठ है। अपना सुझाव कमेंट करके बताए,

Share this…
Whatsapp Group

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *