UGC का सख्त निर्देश प्रोफेसरों की करें तत्काल बहाली , प्रोफेसर नियुक्ति रूल से हटाया गया Phd अनिवार्यता

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Teacher Recruitment/professor recruitment  भारत में कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में शिक्षा के स्तर गिरने का मुख्य कारण बताया गया शिक्षकों की कमी। इसी को देखते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन  UGC फैकेल्टी रिक्रूटमेंट नियम में दखल देकर नियम को बदल दिया है। उच्च स्तरीय कॉलेजों में प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए पीएचडी होना जरूरी नहीं है।

ऐसा नियम कर दिया है। प्रोफेसर नियुक्ति के लिए केवल शिक्षक बनने की चाह रखने वाले विद्यार्थियों को NET/SET/SLET पास करना अति आवश्यक हो गया है।

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आपको बता दें कि देश में हाल ही में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है इसके बावजूद टीचर्स की समस्या लगातार बनी हुई है । इसका कोई समाधान अभी तक नहीं निकाला जा सका था। 2 साल पहले की प्रक्रिया को आधार पर भरने का आदेश जारी किया था।

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UGC कितने पद खाली

UGC सेक्रेटरी डॉ मनीष जोशी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देश के सभी राज्यपालों के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रमुख सचिवों और सचिवों को पत्र लिखकर फैकेल्टी रिक्रूटमेंट प्रोसेस को तत्काल पूरा करने पर जोर देने को कहा है। जोशी ने पत्र में कहा कि यूजीसी ने पहले ही प्रोफेसर पद के लिए जरूरी योग्यता के आधार पर गाइडलाइन जारी कर दिया है।

इन सभी पॉइंट पर ध्यान देते हुए कुशल एवं मुंडे ऑल इंडिया नेट और सेट शिक्षक संगठन उन्हें कहा कि 3 नवंबर 2018 को हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अनुसार सरकारी सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में 8959 पोस्ट खाली हैं। इन में से सिर्फ 40% आने 3850 पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा भरे जाने थे। आपको बता दें कि फरवरी 2019 में केवल 1492 पद भरे गए बाकी 2088 पद खाली रह गए हैं

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