Sharad Yadav death भारतीय राजनीति इतिहास में समाजवादी नेता शरद यादव की मौत हो गई है। यह जानकारी उनकी बेटी ने देश के वासियों को दी।
पिछले कुछ दिनों से शरद यादव बीमार चल रहे थे। आज अचानक से उनकी हालत बिगड़ी तो गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल लाया गया प्लास्टो जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गय ।
शरद यादव जब फोर्टिस हॉस्पिटल पहुंचे उस समय उनकी पल्स नहीं चल रही थी। जिसके बाद फोर्टिस हॉस्पिटल ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी।
बाद में शरद यादव की बेटी सुभाषिनी ने ट्विटर पर ट्वीट करके जानकारी दी। शरद यादव ने रात के 10:19 में 75 साल की उम्र में अंतिम सांस लिए।
शरद यादव वैसे तो मध्य प्रदेश के रहने वाले थे लेकिन उनकी राजनीति बिहार से जुड़ी है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के रहे।
नीतीश कुमार से अनबन होने के बाद वह खुद की राजनीतिक पार्टी बनाए। लेकिन बाद में अपनी पार्टी को राष्ट्रीय जनता दल जिसके अध्यक्ष लालू यादव है उन्हीं में मर्ज कर दिए थे।
Sharad Yadav की राष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव
लंबे समय से शरद यादव एक्टिव राजनीति से दूर रह रहे थे। शरद यादव ने इंजीनियरिंग से पढ़ाई करी थी । पढ़ाई करने के दौरान ही वह छात्र नेता रहे। 1975 में इमरजेंसी के समय वह समाज वाद से जुड़ गए। लोहिया को शरद यादव अपने राजनीतिक गुरु मानते थे।और वहीं से वह बिहार की राजनीति में सक्रिय हो गए।
वैसे तो शरद यादव भारत के प्रत्येक राजनीतिक पार्टी में अच्छा मेल मिला के साथ रहते थे। भारत देश के कैबिनेट मंत्री भी रहे।
शरद यादव की मौत पर किसने क्या कहा
शरद यादव की मौत की खबर जब देश के राजनेताओं में पहुंचे तो सभी राजनेता ने शोक व्यक्त किए। प्रधानमंत्री लोकसभा अध्यक्ष और तेजस्वी यादव के साथ-साथ जेडीयू के नेता भी शोक व्यक्त किए हैं।
कुछ ने कहा शरद यादव के नहीं रहने से राष्ट्रीय राजनीति मैं उनकी कमी खलेगी। शरद यादव हमेशा गरीबों की लड़ाई लड़े। मंडल कमीशन में लागू करने में शरद यादव ने जोर-शोर से अपनी भूमिका निभाई थी