Jharkhand news हमेशा खबर होती है कि भारत की वर्तमान मोदी सरकार रिजर्वेशन खत्म करने पर लगी है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है मोदी सरकार पॉलिसी पॉलिसी बनाकर कुछ काम करती है।
किंतु झारखंड के वर्तमान सरकार ने रिजर्वेशन झारखंड से खत्म कर दिया है। ऐसा झारखंड के जेपीएससी के अभ्यर्थियों का कहना है।
- जेपीएससी के द्वारा जो कल कट ऑफ मार्क्स जारी किया है सिर्फ और सिर्फ दिखा रहा है कि झारखंड से रिजर्वेशन खत्म कर दिया गया है ।
झारखंड सिविल सेवा परीक्षा कट ऑफ जारी करने के लिए बहुत बड़ा आंदोलन हुआ बावजूद सरकार ने कट ऑफ जारी नहीं किया।
परंतु हाई कोर्ट के निर्देश के बाद कल कट ऑफ मार्क्स जारी कर दिया है।
JPSC के छात्र नेता का सरासर मानना है कि हेमंत सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। सिर्फ पिछड़ों की सरकार है गरीबों के लिए काम कर रही है ।
परंतु वर्तमान सरकार अपने पूरे शासनकाल में जिस तरह से जेपीएससी परीक्षा लेने का ढिंढोरा पीट रही थी काम उसके सिर्फ उल्टा ही रहा।
सिर्फ सेटिंग बाजी से यहां पर गरीबों की आवाज बनने के लिए बीडीओ,co पुलिस प्रशासनिक सेवा में जो अधिकारी गए है कुछ एक को छोड़कर सारे के सारे लोग सेटिंग करके गए है। झारखंड के गरीब वह मेहनती अभ्यार्थियों के साथ धोखा हुआ है।
अगर पारदर्शिता होती तो कोर्ट आंदोलन करने की जरूरत नहीं होती ।
मनसा ही गलत था इसीलिए जेपीएससी कटऑफ जारी नहीं कर रहा था।
छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो का साफ-साफ कहना है कि ऐसा कभी संभव ही नहीं हो सकता की रिजर्वेशन के 4 कैटेगरी में कोर्ट कट ऑफ मार्क्स 532 के समान हो।
छात्र नेता राजेश ओझा ने ट्वीट कर हेमंत सोरेन और रघुवर दास को टैग कर लिखा।
@HemantSorenJMM @dasraghubar रघुवर सरकार ने PT में
आरक्षण खत्म किया था
हेमंत सरकार एक कदम
आगे बढ़ते हुए मैंस में भी कर दिया
अब ज्वाइनिंग हो चुका है, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार नौकरी से भी हटाया नहीं जा सकता
केस तो होंगे लेकिन फायदे बहुत कम।
देख लिया 252 दिन में JPSC कराने का फायदा pic.twitter.com/pSBMPSTPeb— राजेश ओझा (@therajeshojha) January 4, 2023