सातवीं से दसवीं जेपीएस परीक्षा एक साथ लेकर झारखंड के हेमंत सरकार ने जेपीएससी की संख्या तो बढ़ाई परंतु पूरा परीक्षा ही विवाद लेकर बैठ गया।
विवाद तब से शुरू हुआ जब से पीटी रिजल्ट आया यूं कहें परीक्षा के दिन से ही। एक ही क्लास रूम के सीरियल रोल नंबर के हिसाब से बच्चों का सिलेक्शन कर देना इस परीक्षा में साबित हो चुका कि परीक्षा में धांधली हो चुका है।
जेपीएससी को इसी को देखकर परीक्षा रद्द कर फिर से लेना चाहिए था। JPSC का मनसा ईमानदार अफसर लेना नहीं बल्कि धांधली करवाना मकसद था।
हड़बड़ी में जेपीएससी की मुख्य परीक्षा ली गई। जेपीएससी अभ्यर्थी आंदोलन करते रह गए ।दरकिनार किया गया कुछ अभ्यार्थी को जेल भी डाला गया।
परंतु रिजल्ट हुआ वही जो सब को पहले से मालूम था। पहले जेपीएससी कट ऑफ जारी करने को तैयार नहीं थी और जब कटऑफ जारी किया तो रिजर्वेशन ही हटा दिया।
एक विद्यार्थी कम कुल मार्क्स 536 है जनरल ओबीसी ईडब्ल्यूएस bc,1bc2 कैटेगरी का कट ऑफ मार्क्स 532 है। कट ऑफ मार्क्स 4 नंबर ज्यादा है।
विद्यार्थी का सिलेक्शन इसलिए नहीं किया गया रिमार्क्स में लिख दिया गया कि यह विद्यार्थी का मार्क्स कट ऑफ मार्क्स कम है।
हो सकता है आने वाले समय में ऐसे परीक्षा फल का रिजल्ट और भी देखा जा सकता है।