कुर्मी महतो आदिवासी नहीं बनेगा –चमरा लिंडा

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झारखंड के विष्णुपुर के विधायक चमरा लिंडा ने कहा की अंग्रेजों ने आदिवासी अनुसूचित जनजाति के लिए एनसीटी एसपीटी जैसे कवच को दिया परंतु  वर्तमान सरकार है आदिवासियों के हक को तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर जमीन हड़पने में लगी हुई है।

चमरा लिंडा ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार है को गिरते हुए कहा कि सरकारी आदिवासियों को उनके संवैधानिक अधिकारों से भी वंचित कर रही है। आदिवासियों के लिए पांचवी अनुसूची रुपीस संवैधानिक प्रावधानों को जानबूझकर लागू नहीं करने दिया जा रहा है अगर राज्य के 13 जिलों में पांचवी अनुसूची के प्रावधान लागू हो गए तो आदिवासियों को किसी के आगे भीख नहीं मांगने पड़ेगी।

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चमरा लिंडा आगे और कहते गए कि अब कुर्मी तेली और अन्य जातियां आदिवासी बनना चाहती हैं ।इसलिए कि उन्हें भी संवैधानिक अधिकारों का लाभ प्राप्त हो सके लेकिन कुर्मी को अगर एसटी बनाने का प्रयास हुआ तो 48 घंटों तक झारखंड का चक्का जाम करा दूंगा।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर हमला करते हुए कहा कि भक्त समाज को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा आदिवासी बना दिया है। जिससे हम आने वाले समय में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे और उनकी मंशा पर पानी फेर देंगे।

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चमरा लिंडा की प्रमुख मांगे कुर्मी महतो जाति को आदिवासी में किसी भी हालात में शामिल नहीं किया जाए।

जनगणना के पूर्व सरना धर्म कोड को लागू किया जाए ।भूूईहरी, पहनई  महतोई डालकतरी पैनभोरा   यादि   जमीन से संबंधित नियमावली को जल्द से जल्द बनाया जाए। गैर आदिवासी पुरुष आदिवासी महिला से विवाह होने पर उसका बच्चा आदिवासी ना हो।

प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई बहुत ही आवश्यक है एनसीटी एक्ट और पांचवी अनुसूची दोनों कानून बने।

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