झारखंड राज्य का नियोजन नीति ही समुचित विकास…..

0 minutes, 3 seconds Read

Jharkhand niyojan niti झारखंड बनने के 22 वर्ष बाद भी झारखंड राज्य का विकास नहीं हो पाया है। इसके बहुत से कारण हैं।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण यहां पर ठोस नीति का अभाव है। झारखंड राज्य में अब तक स्थानीय नीति नियोजन नीति और ना ही एक ठोस औद्यगिक नीति बन पाई है।

Whatsapp Group

बात करें तो यह झारखंड राज्य में शिक्षा नीति और ना ही चिकित्सा नीति बना पाई है। जिस कारण से झारखंड राज्य लगातार पिछड़ता चला गया है, और पिछड़ता चला जा रहा है।

झारखंड यूथ एसोसिएशन व झारखंडी भाषा संघर्ष समिति का राजेश ओझा कहना है।

राजेश ओझा ने कुछ दिन पहले ही प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य के समुचित विकास के लिए सबसे पहले राज्य का स्थानीय नियोजन नीति जरूरी है।

See also  JSSC: 1562 पदों पर नियुक्ति , 25 मई से ऑनलाइन आवेदन शुरू-

वर्ष भर में आंदोलन के बाद पिछले कुछ माह पहले हेमंत कैबिनेट ने आनन-फानन में उन्हें 1932 आधारित स्थानीय नीति का प्रारूप लेकर आई।

लेकिन इसमें भी 9वी अनुसूची का पेज फंसा दिया। नियोजन नीति के अभाव में सभी परीक्षाएं रद्द पर रद्द होती चली जा रही हैं।

पिछली सरकार  रघुवर दास की थी  उस समय 2016 में नियोजन नीति बनाई लेकिन राज्य को 11-13 में विभाजित कर दिया।

जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। जिसके कारण से लाखों युवाओं का कैरियर बीच में ही लटक गया।

See also  JSSC आचार्य संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा अपरिहार्य कारण से स्थगित, नई तिथि की घोषणा जल्द

इसलिए हमें नियोजन नीति नियुक्तियां उम्र सीमा में तीनों को एक साथ लेकर ट्विटर का अभियान या सड़क पर आंदोलन करना होगा। राज्य के बेरोजगारों अभ्यर्थियों पर इसके सिवाय कोई चारा नहीं बचा हुआ है।

कल झारखंड हाईकोर्ट के नियोजन नीति रद्द करने के साथ ही विद्यार्थियों का कैरियर अधर में लटक गया है। जिसे लेकर विद्यार्थी ने सरकार को खुली चुनौती दे दी है कि अब हम लोग सड़क पर उतर जाएंगे।

Share this…

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *