मणिपुर और मनोहरपुर के दोषियों को फांसी दिया जाय , छात्र नेताओं ने निकाला मार्च

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Ranchi  झारखंड स्टेट स्टुडेंट्स यूनियन और झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष के संयुक्त तत्वावधान में क्रांतिकारी देवेन्द्र नाथ महतो के नेतृत्व में मणिपुर और मनोहरपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई दुर्व्यवहार के विरोध में झारखंड की राजधानी रांची के शहीद चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया।

मौके पर क्रांतिकारी देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि जिस देश में नारी को दुर्गा सरस्वती भवानी काली मां का रूप माना जाता है, जिस देश के संविधान में महिलाओं के सुरक्षा के लिए विशेष कानून का प्रावधान है उस देश के महिला को महिला और इंसान के रूप में नहीं बल्कि खिलौना के रूप में देखा जा रहा है जो बहुत निंदनीय है।

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एक तरफ मणिपुर का घटना से सम्पूर्ण देश वाकिफ और आक्रोशित है, मणिपुर मुख्यमंत्री एन बीरेंद्र सिंह को इस्तीफा देना चाहिए, मणिपुर के जिस पुलिस प्रशासन के मौजूदगी में घटना को अंजाम दिया गया उस पुलिस प्रशासन पर करवाई किया जाय।

दूसरी तरफ पश्चिम सिंहभूम जिला के मनोहरपुर प्रखण्ड के स्पायर संस्था में काम करने वाली आदिवासी शिक्षिका का शव नग्न अवस्था में झाड़ी के पास पड़ा मिला जिसके सामने ब्रांडेड पेन, रूमाल और यूज किया गया कंडोम भी मिला है दर्दनाक घटना को पुलिस लीपा पोती करने में लगी हुई है, मनोहरपुर के स्थानीय विधायक महिला सह बाल विकास मंत्री जोबा मांझी मामले को उच्चस्तरीय जांच के लिए पहल करे अन्यथा इस्तिफा दे।

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कैंडल मार्च के मौके पर मनोहरपुर और मणिपुर के दरिंदों को फांसी का मांग किया गया ।

कैंडल मार्च के मौके पर क्रांतिकारी देवेन्द्र नाथ महतो, प्रियंका एक्का, प्रवीण कच्छप, सुमित खतियानी ,अंगत नायक, राजेश राम, रवीन्द्र कुमार, पुष्पा कुमारी,राहुल, संजीत, राज मुरुतवार, लक्की रामू राज, विजय, के अलावा अन्य सैकड़ों गण मान्य लोग उपस्थित थे।

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