रांची झारखंड में सरकारी नौकरी में अनुबंध पर बहाल होने वाले कर्मियों के लिए बड़ी राहत मिलने की सूचना आ रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ताजा फैसले के मुताबिक झारखंड के किसी संस्थान से मैट्रिक और इंटर होने के लिए अनिवार्यता मुक्त कर दी है।
दरअसल झारखंड सरकार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से तृतीय श्रेणी के पदों पर होने वाले बहाली में समान श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक एवं इंटर मीडिएट उत्पन्न होना अनिवार्य किया है।
इस नियम को बड़े पैमाने पर झारखंड के युवाओं को रोजगार से जोड़ने की कवायद की गई है ।लेकिन इस नियम से एक बड़ा वर्ग वंचित हो रहा था।
तकनीकी सेवाओं के लिए चयन प्रक्रिया में लोगों के लिए जो शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की आवश्यकता पड़ती थी। और 12वीं के समकक्ष कई प्रमाण झारखंड में उपलब्ध भी नहीं हो पाते हैं ।
ऐसे में कई युवाओं के पास बाहरी राज्यों के प्रमाण पत्र होने की पूरी संभावना दिखती हैं इन परिस्थितियों में बहाली प्रक्रिया प्रभावित होने का खतरा सामने आ रहा था।
इसे देखते हुए एक बार के लिए इस नियम को शिथिल करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति के लिए राज ने नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है।
इससे राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्य करने वाले पारा मेडिकल कर्मियों को बड़ी राहत मिली है।
अब राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्यरत सभी पारा मेडिकल कर्मी जैसे ए ग्रेड नर्स एएनएम फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन एक्स-रे टेक्नीशियन आदि सरकार के अधीन अस्थाई पदों पर होने वाले नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
चाहे किसी भी श्रेणी के हूं तथा कहीं से भी मैट्रिक और इंटर मीडियम किए हैं इसका लाभ सरकारी अस्पतालों मेडिकल कॉलेजों जैसे रिम्स रिन पास क्षय शाला में अनुबंध पर काम कर रहे पारा मेडिकल कर्मियों को मिलेगा।
लेकिन उन्हें एक बार के लिए होने वाले अस्थाई नियुक्ति में ही छूट मिलेगी। इसके बाद होने वाले नियुक्तियों में यह श्रेणी कर्मियों को नहीं मिल पाएगी।
इसके साथ ही एएनएम की मैट्रिक परीक्षा में न्यूनतम 45% अंक अनिवार्य किया गया था ।अब नियुक्ति में कोई अंक की अनिवार्यता निर्धारित नहीं की गई है। इन बदलावों से युवाओं को काफी फायदा हो रहा है