रांची झारखंड सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि अनुबंध कर्मियों को झारखंड से मैट्रिक और इंटरमीडिएट करने की अनिवार्यता में छूट दी जाएगी।नीति में छूट देने का लिया निर्णय एक बार के लिए लिया गया है।
झारखंड सरकार ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से तृतीय श्रेणी के पदों पर होने वाले नियुक्ति में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया है।
लेकिन पारा मेडिकल कर्मियों की होने वाले नियुक्ति में अनुबंध कर्मियों को एक बार के लिए इस अनिवार्यता में छूट मिलेगी। इससे राज्य के सरकारी अस्पतालों में अनुबंध पर कार्य करने वाले पारा मेडिकल कर्मियों को बड़ी राहत मिली है।
7 वर्षों से लटकी नियुक्ति प्रक्रिया होगी शुरू
नियुक्ति नियम संशोधन होने से राज्य में पारा मेडिकल कर्मियों की 7 वर्ष की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2015 में आवेदन मांगने के बाद नियमावली में तेज होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी थी।
2018 में नई नियमावली बनी , लेकिन इनमें कई त्रुटियां सामने आई हैं। संशोधन किया गया है।
न्यूनतम 45% अंक की अनिवार्यता भी नहीं
एएनएम की नियुक्ति में मैट्रिक की परीक्षा में 45% अंक अनिवार्य किया गया था। अब नियुक्ति में अनिवार्य किया गया है इसमें अब कोई न्यूनतम अंक की अनिवार्यता निर्धारित नहीं की गई है।
इसके अलावा एएनएम के लिए 18 माह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। यह पहले भी लागू था।
अभ्यार्थियों को सरकार ने दे दी बहुत बड़ी खुशखबरी
झारखंड सरकार के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्यरत सभी पारा मेडिकल कर्मी जैसे एक ग्रेड नर्स एएनएम फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन टेक्नीशियन सरकार के अधीन अस्थाई पदों पर होने वाली प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
चाहे वे किसी भी श्रेणी के हूं तथा कहीं भी मैट्रिक और इंटर मीडिएट हुए हैं। इसका लाभ सरकारी अस्पतालों मेडिकल कॉलेज ओं रेंट इन पाठशाला में अनुबंध पर कार्य कर रहे पारा मेडिकल कर्मियों को मिलेगा उन्हें एक बार के लिए होने वाले अस्थाई नियुक्ति मिलेगी।
इसके बाद होने वाली नियुक्तियों में छूट सामान श्रणी के अनुबंध कर्मियों को नहीं मिल पाएगी। बताते चलें कि सरकार में पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति में अनुबंध कर्मियों को वेटेज देने का निर्णय लिया है।