जुड़वा बहनों ने लहराया परचम, तोड़े सारे रिकॉर्ड

author
0 minutes, 4 seconds Read

Matric topper झारखंड एकेडमिक काउंसिल  (jac result) के द्वारा 23 मई को  मैट्रिक तथा इंटर विज्ञान संख्या का परीक्षा फल घोषित किया गया। बहुत लंबे से इंतजार कर रहे मैट्रिक परीक्षा फल के लिए कल किसी के लिए खुशी का दिन रहा तो किसी के लिए गम।

झारखंड के सुदूरवर्ती इलाका गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड अंतर्गत गरमुंडो  की जुड़वा बहन आशा यादव और सीमा यादव ने परचम लहराया है।

Whatsapp Group

दोनों बहने उच्च विद्यालय घुठिया पेसरा की विद्यार्थी हैं। उनके पिता अशोक यादव माता सरिता यादव अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति जागरूक रहे हैं।

आशा यादव और सीमा यादव के नाना उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य रहे हैं। इनके पिताजी इनकी सफलता से खुश हैं। दोनों जुड़वा बहनों के माता-पिता भी उसी विद्यालय से पढ़ाई किए हुए हैं।

See also  Jharkhand teacher recruitment 2023 जेएसएससी ने मांगा 26001 पद के लिए आवेदन, योग्यताधारी भी नहीं कर सकेंगे अप्लाई

आगे आशा डॉक्टर बनना चाहती हैं वही सीमा यादव  आईएस बनने का सपना देख रखी है। आशा यादव ने मैट्रिक में 453 अंक , वही सीमा यादव ने 448 अंक प्राप्त की।

सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरिडीह जिले में किसी जुड़वा बहन ने एक साथ मैट्रिक परीक्षा देकर   इस प्रकार का अविश्वसनीय परिणाम पिछले 5 वर्षों में किसी ने नहीं किया है।

पिता अशोक यादव ने कहा कि बेटी और बेटा में कोई फर्क नहीं होता है । बेटी जहां  और जैसे पढ़ेंगी खून पसीना बहा कर हम पढ़ाएंगे।

वहीं माता सरिता यादव ने कहा बेटी अनमोल रत्न है हम भी किसी की बेटी हैं जो कमी हमारे पढ़ाई में आई, अब हमारी बेटियो की पढ़ाई में कभी किसी तरह का कोई कमी नहीं होने देंगे ।

See also  सांसद ड़ॉ निशिकांत दुबे ने राज कुमार झा की नई पुस्तक " झारखंड कर्मचारी चयन आयोग चैप्टर वाइज वस्तुनिष्ठ खोरठा " का किया विमोचन

परीक्षा परिणाम दोनों जुड़वा बहनों के लिए इसलिए काफी मायने हैं क्योंकि के सुदूरवर्ती इलाकों में मूलभूत सुविधा नहीं होने के बावजूद खुद से पढ़ाई कर लेने के बाद 453 व 448 अंक प्राप्त किए हैं। उच्च विद्यालय घुठिया पेसरा  व इलाके का नाम दोनों बहनों ने रोशन किया है।

क्षेत्र के अन्य माता-पिता को भी संदेश दिया है कि बेटी को पढ़ाइए बेटी पढ़ना जानती है और बेटी पढ़कर आपका ही नाम रोशन करेंगे।

वही दोनों जुड़वा बहनों के माता-पिता भी की काबिल काबिल हैं क्योंकि उन्हें बेटियों की पढ़ाई में हर संभव कोशिश किए और आगे पढ़ाई जारी रखने में हर तरह का सुविधा देने के लिए प्रयासरत हैं।

Share this…

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *