झारखण्ड सरकार नियुक्त से पहले 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति बनाए।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग एवं झारखंड लोक सेवा आयोग की सभी नियुक्तियों में उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट दे – राजेश ओझा
झारखंड यूथ एसोसिएशन के लीडर राजेश ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर झारखंड सरकार पर बहुत बड़ा आरोप लगाया और मांग की है।
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में जो कहा नीचे निम्न है
झारखण्ड में हेमंत सरकार बनने से दो वर्ष पहले 2018 से ही JPSC व JSSC द्वारा कोई नियुक्ति नहीं हो पाई है।अगर एक दो परीक्षा हुई भी तो किसी कारणवश रद्द हो गई या लटकी हुई है।
इस कारण लगभग 05 लाख रिक्त पद पड़े हुए हैं। कर्मचारी के आभाव में सरकारी कार्य ठप पड़ा हुआ है और विकास बाधित है।
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सिर्फ नेता ही आपके द्वार पहुंच रहे हैं कर्मचारी नदारद हैं वह इसलिए की कार्यरत कर्मचारी भी पिछले 45 दिनों से आन्दोलन रत हैं।
दुसरी और पिछले पांच साल से परीक्षा नही होने के कारण झारखण्ड के युवाओं की उम्र और नौकरी की उम्मीद दोनों खत्म हो गई है।
विशेषकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जो पांच लाख नौकरी,जेपीएससी में सुधार की वादा कर सरकार बनाई लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ढाक के तीन पात साबित हुए।
हेमंत सरकार के नियुक्ति वर्ष 2021 के बाद 2022 भी खत्म होने को है
सरकार तीन साल में एक ठोस स्थानीय-नियोजन नीति नहीं बना सकी जो भी नियमावली बनाई अदालत चली गई। लगभग एक साल खतियान आन्दोलन के बाद आनन-फानन में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की प्रारुप कैबिनेट लाई उसमें भी नौवी अनुसूचि की पैंच फसा दी और लागू हो गया की ढिंढोरा पीटने लगी ।
अतः कह सकते हैं हेमंत सरकार का हर फैसला राजनीति से प्रेरित रहती।
झारखण्ड यूथ एशोसिएशन मांग करती है ,सरकार सबसे पहले खतियान आधारित स्थानीय-नियोजन बनाए और पांच साल उम्र की छूट देते हुए सभी रिक्त पदो को अविलंब भरा जाए। वर्ना एशोसिएशन जनआन्दोलन को बाध्य होगी।
इसी के मद्दे नजर संगठन द्वारा 5 नवंबर को ट्विटर compain चलाया जाएगा। सारे युवा campaign को सफल बनाये ।
निवेदक :
झारखण्ड यूथ एशोसिएशन
प्रेस विज्ञप्ति
28/10/22