Jharkhand news झारखंड सरकार अपनी लाज बचाने के लिए विद्यार्थियों के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जा रही है। झारखंड दिवस के शुभ अवसर पर यानी 15 नवंबर को सरकार ने scientific assistant के लिए नियुक्ति पत्र बाटा था।
क्योंकि हाईकोर्ट ने नियोजन नीति रद्द कर दिया है और झारखंड सरकार ने उसी नियोजन नीति के आधार पर विद्यार्थियों को नियुक्ति दे दिया। इस स्थिति में जो विद्यार्थी का जॉइनिंग हो चुका है उसी को बचाने के लिए झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट जाकर अपनी लाज बचाने का कोशिश करेगी।
क्योंकि विद्यार्थियों ने उसी नियोजन नीति के आधार पर सरकार से नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिया है। और वे अपना योगदान सरकार में दे रहे हैं।
तो असमंजस की स्थिति सरकार के सामने यह है जिन्हे नियुक्ति पत्र दे दिया है उसे रद्द करना सही नहीं है इसी को मध्य नजर रखते हुए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेगी ।
जिन लोगों की नियुक्ति हो गई है उन्हें बरकरार रखा जाए। हाईकोर्ट से नियोजन नीति रद्द होने के बाद सरकार बहुत जल्द अभ्यर्थियों के लिए नियोजन नीति लागू करने वाली है। नियोजन नीति के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी।