रांची कहते हैं ना कि अगर एक बार मन में ठान ले तो मंजिल दूर नहीं है। इसी तरह का एक कहानी छात्र की है जो स्टेट सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं।
अक्सर हम ऐसे कई विद्यार्थियों को देखते हैं मन की शिक्षा व्यवस्था में खर्च उठाने के लिए बहुत संघर्ष करने पड़ते हैं।
जो मंजिल का सपना देख लेने के बाद बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं पढ़ाई छोड़ कर अपने सपनों को साकार नहीं करते।
ऐसे ही संघर्षों के सामने हार कर कई बार विद्यार्थी अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
पर कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो अपने दम पर अपनी तकदीर खुद लिखते हैं।
हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची के मनमीत तिर्की की, जो सिविल सर्विस परीक्षा पास करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर मेहनत कर रहे है।
मनमीत तिर्की ने पकड़ भारत के चीफ एडिटर राजेश ओझा से कहा– मेरा सपना सिविल सर्विस परीक्षा पास करने का है। लेकिन घर में परिस्थितियां ऐसी हैं कि पढ़ाई जारी रखना सपने जैसा हो गया था। पिता जी के रिटायरमेंट के बाद कई सारे लोन चुकाने पड़े, जिस वजह से पैसे की भारी तंगी हो गई थी।
परंतु दोस्ती हो तो मेरे दोस्त के जैसा मेरे अपने दोस्त की मदद से मैंने एक मटन शॉप खोली अब रात में jpsc की तैयारी करता हूं और सुबह 8:00 से शाम 4:00 बजे तक मटन शॉप में रहता हूं। हालांकि jpsc के पिछले दो attemp में कुछ मार्क्स से प्रीलिम्स नही हो पाया। लेकिन अब मैं अपनी कमियों पर ध्यान दे रहा हूं।
पिछली परीक्षा में क्या कमी रह गई? इस पर मनमीत कहते हैं कि सिलेबस की अच्छी समझ, रिविजन व कंसिस्टेंसी बेहद जरूरी होती है। इन तीनों में कमी रह गई थी। इसकी कई वजहें हैं. घर की माली हालत भी सही नहीं थी। पैसे की तंगी चल रही थी. जिसका असर पढ़ाई पर पड़ा।
मनमीत कहते हैं 2013 में मैंने विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद एलजी कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव के तौर पर 6 साल तक नौकरी की, पर घर चलाना मुश्किल हो रहा था। घर में दो बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी करनी है। साथ में माता-पिता और सबकी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है। इस वजह से मुझे कुछ अपना बिजनेस करने को सोचा मैंने अपने दोस्त मुकुल कच्छप से मदद ली और M.SQUARE मटन शॉप खोला।
मनमीत आगे कहते है हमारे मटन की अच्छी खासी आज बिक्री हो रही है। इसका स्वाद लाजवाब है। इसके पीछे सीक्रेट है ताजा मटन का जो मैं सुबह 6:00 बजे तुपुदाना जाकर अपनी आंखों के सामने छोटे कान वाले मटन खरीदता हूं क्योंकि उसका स्वाद अच्छा होता है।
इसके साथ ही घर में पीसे हुए 25 तरह के मसाले व देसी स्टाइल में दोना पत्तल में खाना परोसता हूं, जिससे खाने का स्वाद और भी बढ़ जाता है. साथ में बाबा राइस अच्छी क्वॉलिटी की रहती है.