JPSC झारखंड के सरकारी अधिकारी ,खुद पीटी परीक्षा में फेल , और करा रहे है घोटाला का जांच

0 minutes, 3 seconds Read

JPSC झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पदाधिकारियों ने प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में फेल हो चुके अपने रिश्तेदारों को भी अफसर बना दिया।  नियमानुसार, इन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया जाना चाहिए था। लेकिन, न सिर्फ उन्हें पीटी में पास करा कर मुख्य परीक्षा में शामिल कराया गया, बल्कि मुख्य परीक्षा में भी नंबर बढ़ा कर उन्हें सफल घोषित किया गया।

इसके लिए बड़े पैमाने पर साजिश रचने के बाद मनमाने तरीके से परीक्षकों की नियुक्त की गयी. जेपीएससी-2 की जांच के दौरान सीबीआइ ने उक्त तथ्यों का खुलासा किया है।

Whatsapp Group

आयोग ने सीबीआइ को कई दस्तावेज नहीं सौंपे

जेपीएससी-2 की जांच के दौरान आयोग ने सीबीआइ को कई दस्तावेज नहीं सौंपे। जांच के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर 28 परीक्षार्थियों को जालसाजी कर सफल घोषित करने और नियुक्ति के लिए अनुशंसा करने की पुष्टि हुई। जांच में पाया कि जिन 28 परीक्षार्थियों को जालसाजी कर पास कराया गया था, उसमें से 13 तो प्रारंभिक परीक्षा में ही फेल हो चुके थे।

See also  तमाम अटकलों को दरकिनार कर आखिरकार सरयू राय ने ग्रहण कर ली जदयू की सदस्यता

इनमें से छह परीक्षार्थी जेपीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों और नेताओं के बेटा, बेटी सहित अन्य करीबी रिश्तेदार हैं। पीटी में फेल हो चुके अपने रिश्तेदारों के अफसर बनानेवाले तत्कालीन अधिकारियों की सूची में जेपीएससी के तत्कालीन सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह और राधा गोविंद नागेश का नाम शामिल है।  इन सदस्यों के बेटा, बेटी और भतीजा प्रारंभिक परीक्षा में ही फेल हो गये थे. परीक्षा में कोडिंग-डिकोडिंग का काम करनेवाली कंपनी एनसीसीएफ के प्रतिनिधि का भाई राजीव सिंह भी पीटी में फेल हो गया था। हालांकि, उसे भी सफल घोषित कर अफसर बना दिया गया।

पीटी में 1720 की जगह 16314 को सफल घोषित कर दिया

सीबीआइ ने जांच में पाया कि जेपीएससी-2 में कुल 172 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। पीटी में रिक्त पदों के मुकाबले 10 गुना परीक्षार्थियों को सफल घोषित करने का प्रावधान था। यानी पीटी में सिर्फ 1720 परीक्षार्थियों को ही सफल घोषित किया जाना था। जबकि, आयोग ने नियमों का उल्लंघन कर 16,314 परीक्षार्थियों को पीटी में सफल घोषित कर दिया। पीटी में पूछे गये सवालों के सही जवाब के सामने बने सर्किल को काला करना था।  जांच में पाया गया कि जेपीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों और अन्य प्रभावशाली लोगों के करीबी रिश्तेदारों ने परीक्षा के दौरान कम सर्किल को काला किया था। ऐसे परीक्षार्थी वास्तव में पीटी में फेल थे।

See also  सिर्फ प्रचार ,काम कुछ नहीं, हेमंत सरकार न परीक्षा ना नियुक्ति

उन्हे मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलना चाहिए था. लेकिन उन्हें पीटी में जबरन पास कराया गया और मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया गया. पीटी में फेल परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा में फेल थे, लेकिन उन्हें नंबर बढ़ा कर मुख्य परीक्षा में पास कराया गया.

Share this…

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *