अनुलोम एवं प्रतिलोम विवाह !!

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विवाह संस्कार एक बहुत ही गंभीर और reasearch oriented विषय है , जिसकी विकृतता के कारण आज पूरा भारत वर्ष परेशान है । वास्तव में ” A good human being is born , not made – श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र चक्रबोर्ती (1888-1969) ” – एक अच्छा मनुस्य जन्मा दिया जाता है , तैयार नहीं किया जा सकता है ।

 

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स्वामी विवेकानंद के शिकागो के वक्तव्य के पश्चात एक नव विवाहित दम्पति उनके पास गए थे , और प्राथना किया की स्वामीजी हमें आपके जैसा संतान चाहिए . इस पर स्वामीजी बोले थे – आपने आने में देर कर दी । इसका तात्त्पर्य यह है माँ पिताजी को संतान प्लानिंग करने से कई वर्षों पहले से ही तपस्याकृत जीवन व्यापन करने की आवस्यकता है , जिसके आभाव में “unwanted population” समाज को युद्ध एवं रोग की और धकेलती है ।

स्वामी स्त्री के मिलन के समय स्त्री का अपने स्वामी के प्रति जैसा मनोभाव रहता है , उसी के आवृति (frequency) के रेजोनेंस में जो आत्माएं रहती हैं वही पुरुष के शुक्राणु को एक्टिवटे कर संतान का रूप लेती है । तो सोचिए नारी जाती का उच्चा मनोभाव का होना कितना जो आवश्यक है , उसकी वर्णन नहीं की जा सकती ।

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भारतीय आर्य ऋषिओं ने विवाह के अनेक पहलुओं की गवेषणा कर , समाज में 3 तरह के विवाह बताये ।१। अनुलोम सवर्ण – पुरुष का अपने वार्ना की कन्या से विवाह ।२। अनुलोम असवर्ण – पुरुष का अपने से नीचे की कन्या से विवाह ।३। प्रतिलोम – कन्या का अपने से नीचे वार्ना के पुरुष से विवाह । वर्जित ।प्रतिलोम विवाह से जन्मे संतान वर्ण संकर कहलाते हैं जो माता अथवा पिता में से किसी के गन को नहीं अपनाते । स्वभाव से विश्वासघाती होते हैं । उनके चरित्र को बदला नहीं जा सकता ।

Father + Mother Progeny = known as (Anuloma or Pratiloma –crossbreeding type)
Brahman + Kshatriya =  Murdhabhisikta (Bhumihar)
Brahman + Vaishya = Ambashta (Anuloma)
Brahman + Shudra = Nishad (Parasava) (Anuloma)
Kshatriya + Brahman = Suta (Pratiloma)
Kshatriya + Vaishya =  Karana
Kshatriya + Shudra = Ugra (Anuloma)
Vaishya + Brahman = Vaidehaka (Pratiloma)
Vaishyav Kshatriya = Magadha (Pratiloma)
Vaishya + Shudra = Karana (Anuloma)
Shudrav Brahman = Chandala (Pratiloma)
Shudra + Kshatriya = Ksattri (Pratiloma)
Shudra + Vaishya = Ayogava (Pratiloma)

PROGENY OF ARYAN VARNAS WITH ANULOMA-PRATILOMA VARNAS

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Father + Mother = Progeny Known As
1. Brahman + Ugra = Avrita
2. Brahman + Ambashta = Dhigvana
3. Brahman + Nishada = Kukutaka
4. Shudra + Abhira = Abhira

PROGENY OF MIXED MARRIAGES BETWEEN ANULOMA AND PRATILOMA VARNAS
Father + Mother = Progeny known as
1. Vaideha + Ayogava = Maitreyaka
2. Nishada + Ayogava = Margava (Das)/Kaivarta
3. Nishada + Vaideha = Karavara
4. Vaidehaka + Ambashta = Vena
5. Vaidehakav Karavara = Andhra
6. Vaidehaka + Nishada = Meda
7. Chandala + Vaideha = Pandusopaka
8. Nishada + Vaideha = Ahindaka
9. Chandala + Pukkassa = Sopaka
10. Chandala + Nishada = Antyavasin
11. Kshattari + Ugra = Swapaka

अच्छे विवाह संस्कार से “constructive population” की वृद्धि होती है , जो समाज को उच्चा विचार धरा में अग्रसर करते हैं . यह आज भी लागू है , क्यूंकि युग के परिवर्तन से जेनेटिक हेरीडिटी ( सहजात संस्कार ) , नहीं बदलती । सत्ययुग का आम का वृक्ष क्या आज अमरुद बन गया है ?? या द्वापर में जो गाये थी वो किसी अन्य जानवर में बदल गयी हैं ??

सोच समझ कर आगे बढ़ें । हमारे देश का भविस्य हमारे प्रत्येक आचरण में निहित है . !!!

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