राँची : शिक्षक नियुक्ति नियमावली (सहायक आचार्य ) में कई त्रुटी को लेकर एकीकृत सहायक अध्यापक मोर्चा के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल ,झारखंड को ज्ञापन सौंपा। औऱ राज्य के सभी 62000 सहायक अध्यापक संप्रति पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का आग्रह किया ।
राज्यपाल को ज्ञापन
के माध्यम से बताया गया कि सूबे के लगभग 62 हज़ार सहायक अध्यापक संप्रति पारा शिक्षक विगत 20 वर्षों से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी शिक्षकों के समतुल्य निरंतर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं एवं अपने वेतनमान की मूल मांग की पूर्ति के लिए लगातार संघर्षरत भी हैं।
विगत 20 वर्षों से सेवा देने के बाद भी आज सहायक अध्यापक खाली हाथ घर लौटने को विवश है साथ ही भविष्य की स्थिति भयावह बनी हुई है।
इस संबंध में विशेष रूप से आग्रह करना है कि इसी राज्य के अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना किसी परीक्षा दक्षता के 5200-20200 रु के वेतनमान में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
ऐसी परिस्थिति में लगभग 20 वर्षों से कार्यरत झारखंड के सहायक अध्यापकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, पड़ोसी राज्य बिहार में भी सभी कोटी के नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया गया है। अत: महामहिम महोदय से आग्रह पूर्वक निवेदन है कि राज्य के सभी 62 हज़ार सहायक अध्यापकों संप्रति पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का कृपा करेंगे।
सहायक अध्यापकों की ये है प्रमुख मांगे
1: झारखंड के 62 हज़ार सहायक अध्यापकों को बिहार के तर्ज पर वेतनमान दिया जाए।
2: समझौता अनुरूप आकलन परीक्षा एक सौ अंक का किया जाए ।परीक्षा उपरांत वेतनमान ग्रेड पे का लाभ दिया जाए।
3: सहायक आचार्य नियुक्ति रद्द की जाए ।
4: सीटेट को जेटेट के समकक्ष मान्यता दिया जाए
5.आंदोलन के क्रम में हुए केस को वापस लिया जाए ।