JSSC CGL Paper लीक में जांच के लिए DSP प्रभात रंजन नियुक्त

0 minutes, 6 seconds Read

JSSC CGL PAPER LEAK मामले में आयोग के द्वारा  रांची स्थित नामकुम थाने में  मामले में एफआईआर दर्ज कराया गया है। इस पूरे मामले का तहकीकात की जिम्मेवारी मुख्यालय डीएसपी 1 प्रभात रंजन को सोपा गया है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच करता प्रभात रंजन एक कड़क और ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं मामले की गंभीरता एवं अभ्यार्थियों के भविष्य अंधकार को देखते हुए प्रभात रंजन को जांच की पूरी जिम्मेदारी सौंप गई है। प्राथमिक अज्ञात लोगों पर दर्ज कराई गई है जिसमें आईपीसी की धारा 467 468 420 120 बी 66 एवम IT एक्ट तथा झारखंड कंडक्ट आफ एग्जामिनेशन एक्ट 2001 के तहत प्राथमिक की दर्ज की है।

Whatsapp Group

आपको यह भी बता दें कि आयोग की तरफ से प्रभारी अपर सचिव मधुमिता कुमारी के द्वारा FIR दर्ज कराया गया है।

जैसे ही जेएसएससी सीजीएल की पेपर लीक जांच के जिम्मेवारी प्रभात रंजन को सौंपा  गया।  तुरंत ही त्वरित कार्यवाही करते हुए टीम गठित कर उन्होंने जांच को प्रारंभ कर दिया है।

See also  JSSC ने पीजीटी परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी किया

प्राप्त सूचना के अनुसार डीएसपी प्रभात रंजन ने अस्वस्थ किया है कि विधि के प्रधान के तहत पेपर लिक में सम्मिलित सारे सरगना को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा। साथ ही साथ नियम के तहत जो प्रधान है उसी हिसाब से उन लोगों को सजा दिलाया जाएगा।

सोशल मीडिया और अन्य सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड सीजीएल पेपर लिखकर मामले में बिहार पुलिस के द्वारा पटना में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बिहार पुलिस द्वारा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार लोगों के बारे में झारखंड पुलिस कोई भी जानकारी दे दिया गया है। आपको यह बताते चलें की पेपर लिखकर शब्द में विद्यार्थियों से करोड़ों रुपए का उगाही करने का प्लान बनाया गया था। जिसका केंद्र बिंदु बिहार की राजधानी पटना एवं गया था।

See also  छत्तरपुर नगर पँचायत के मन्देया में आयोजित हुआ मन्देया प्रीमियर लीग (MPL) क्रिकेट प्रतियोगता

छात्र नेताओं का कहना है कि जिस तरह से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जिस एजेंसी परीक्षा करवाने की जिम्मेदारी सोपा गया था वह पूर्व में ही ब्लैकलिस्टेड थे। आयोग ने जैसे तैसे कर कर परीक्षा कर लिया गया।

पेपर लीक मामले में बड़े-बड़े मास्टरमाइंड को शामिल है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि इस पूरे पेपर लीक मामले में  बड़े-बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। अभ्यर्थियों CBI से जांच करवाने की मांग कर रहे है।  साथ ही साथ सोशल मीडिया पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 10 वर्षों तक की सजा को भी वायरल किया जा रहा है।

 

Share this…

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *