Ranchi: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) हमेशा विवादों से पुराना नाता रहा है। jssc के गठन से ही इसकी कमान आइएएस, आइपीएस और आइएफएस के हाथों में रहा। लेकिन इन सभी से Jssc संभल नहीं पाया। कभी परीक्षा रद्द हुई तो कभी मामला अदालत तक पहुंचा। इतना ही नहीं कई त्रुटियों के कारण अब तक सात परीक्षाएं रद्द हो चुकी है।
फिलहाल CGL परीक्षा के पेपर लीक मामले ने राज्य की छवि बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक की अध्यक्ष सह डीजीपी रैंक के अफसर नीरज सिन्हा को खुद इस्तीफा देना पड़ा। अब इस परीक्षा में हुई पेपर लीक मामले में सीबीआइ जांच की मांग की जा रही है। फिलहाल सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है।
5 IAS,2 IPS और 1 IFS संभाल चुके हैं JSSC का कमान
JSSC के गठन के बाद ने अब तक चीफ सेक्रेटरी से लेकर डीजीपी रैंक तक के अफसर इसकी कमान संभाल चुके हैं। बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीफ सेक्रेटरी रैंक के अफसर सहित पांच आइएएस, डीडीपी रैंक के अफसर सहित दो आइपीएस और एक आइएफएस इसके अध्यक्ष बने. बावजूद इसके जेएसएससी न तो समय पर परीक्षा ले पाया न ही पाक-साफ रिजल्ट निकला।
बताते चलें कि 2012 के बाद से सीजीएल की परीक्षा नहीं हुई थी। 12 साल बाद जब सीजीएल की परीक्षा हुई तो पेपर ही लीक हो गया। अब इसपर सीबीआई जांच की मांग की गई है।
विवादों के घेरे में रही ये परीक्षाएं
Jssc ने जुलाई 2022 में जूनियर इंजीनियर की परीक्षा ली , जिसका प्रश्न पत्र लीक हो गया था। इसके बाद अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद jssc ने परीक्षा रद्द कर दिया।
इसके बाद जुलाई 2023 में दोबारा परीक्षा ली गयी थी। लेकिन नियोजन नीति रद्द होने के कारण फिर से परीक्षा रद्द कर दी गई। इसके बाद अक्टूबर 2023 में परीक्षा ली गयी। Jssc cgl की परीक्षा के लिए पहली बार 2015 में विज्ञापन जारी किया गया, लेकिन परीक्षा नहीं ली गई।
इसके बाद 2019 में आवेदन मांगा गया, फिर 2021 में आवेदन मांगा गया इस बार किसी कारण से परीक्षा नहीं हो पाई। 2023 में परीक्षा के लिए आवेदन लिया गया । 28 जनवरी को परीक्षा हुई लेकिन पेपर लीक हो गाय. बढ़ते हंगामें को देखते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया।